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चीन को अलग-थलग करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना विफल होती दिख रही है। ट्रंप प्रशासन ने शुरू में चीन सहित सभी व्यापारिक साझेदारों पर कम से कम 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। इसमें भारत पर 26 प्रतिशत और चीन पर 34 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया गया। इस कार्रवाई के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क लगा दिया। इसके जवाब में ट्रंप ने चीन को छोड़कर सभी देशों पर टैरिफ को तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया।

साथ ही चीन पर आयात शुल्क बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया गया। चीन ने भी जवाब में अमेरिकी वस्तुओं पर कुल 145 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। हालाँकि, अब समय आ गया है कि अमेरिका एक कदम पीछे हटे।

ट्रंप का निर्णय अमेरिकी कंपनियों के लिए नुकसानदायक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घरेलू उत्पादन और उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चीन सहित कई देशों पर पारस्परिक कर लगाए। उन्होंने कहा कि अन्य देश संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक टैरिफ वसूलते हैं। इसलिए, अमेरिका भी उनसे अधिक टैरिफ वसूलेगा। उन्होंने दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति से संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्पादन बढ़ेगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन, अब स्थिति इसके विपरीत प्रतीत होती है। क्योंकि अमेरिका एक ऐसा देश है जहां ऐसी कई चीजें हैं जिनका या तो उत्पादन नहीं होता या बहुत कम स्तर पर उत्पादन होता है। ऐसी स्थिति में अधिकांश अमेरिकी उद्योग अन्य देशों पर निर्भर हैं। यही बात अमेरिकी कंपनियों को परेशान कर रही है।

कई अमेरिकी कंपनियां चीन पर निर्भर

संयुक्त राज्य अमेरिका ने बीजिंग से आयातित वस्तुओं पर 145 प्रतिशत का भारी कर लगा दिया है। वहीं, चीन ने भी अमेरिका पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाकर जवाब दिया है। इसके अलावा, 20% का अलग से कर पहले ही लगाया जा चुका है, अर्थात कुल कर 145% है। एप्पल जैसी कई प्रौद्योगिकी कंपनियों के उत्पाद चीन में निर्मित होते हैं। अब जब यहां से माल अमेरिका लाया जाएगा तो उसे अधिक शुल्क देना पड़ेगा। इस चिंता के कारण एप्पल और एनवीडिया जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। परिणामस्वरूप अमेरिकी शेयर बाजार को भी भारी नुकसान हुआ। शायद यही कारण है कि स्मार्टफोन और कंप्यूटर अब अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ के अधीन नहीं होंगे।

इन वस्तुओं पर कम किया टैरिफ

अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, स्मार्टफोन, लैपटॉप और कई अन्य प्रौद्योगिकी वस्तुओं पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा। शुक्रवार को अमेरिकी सी.बी.पी. ने 20 उत्पाद श्रेणियों की सूची तैयार की, जिन पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा। इसमें स्मार्टफोन, कंप्यूटर/लैपटॉप, दूरसंचार उपकरण, डिस्क ड्राइव, रिकॉर्डिंग उपकरण, डेटा प्रोसेसिंग मशीन, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, वायरलेस इयरफ़ोन, राउटर आदि कई प्रौद्योगिकी उत्पाद शामिल हैं। इस फैसले से कई आयातकों और एप्पल जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों को राहत मिलेगी जो उत्पादन के लिए चीन पर निर्भर हैं।