
share market: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ (आयात शुल्क) नीति अंततः लागू होने जा रही है। भारत में इसे 2 अप्रैल से लागू किया जा सकता है। इसका कार से लेकर दवाइयों तक व्यापक असर पड़ने की संभावना है। इसका सीधा असर आपकी जेब पर भी पड़ेगा। इससे कई क्षेत्र प्रभावित होंगे और इसका असर सोमवार को शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है।
ऑटो से लेकर फार्मा सेक्टर पर फोकस
डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से भारत को टैरिफ किंग कहते रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने भारत पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसके लिए 2 अप्रैल की तारीख तय की गई थी, जो अब चरम पर पहुंच गई है। टैरिफ का प्रभाव देश के 31 अरब डॉलर के निर्यात पर देखा जा सकता है। सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्र हैं फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और आभूषण, साथ ही कार और ऑटो पार्ट्स। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में अमेरिका को भारत का कुल निर्यात 77.5 बिलियन डॉलर था, जबकि भारत को अमेरिका का निर्यात 40.7 बिलियन डॉलर था। अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है, जिसका 2000 से अब तक कुल एफडीआई 67.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा है।
इन शेयरों पर पड़ेगा असर
टैरिफ से फार्मा क्षेत्र पर सबसे अधिक असर पड़ सकता है। अमेरिका वर्तमान में फार्मा आयात पर न्यूनतम शुल्क लगाता है। लेकिन, अगर भारत की बात करें तो वह अमेरिकी फार्मा उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाता है। यदि अमेरिका इस पर भी पारस्परिक शुल्क लगाता है तो फार्मा क्षेत्र प्रभावित होगा। उद्योग समूहों ने चिंता व्यक्त की है कि वितरकों और जेनेरिक निर्माताओं को अतिरिक्त लागत का बोझ उठाना मुश्किल होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सन फार्मा, सिप्ला, ल्यूपिन और डॉ. रेड्डीज लैब्स जैसी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में डिक्सन टेक्नोलॉजीज और कीन्स टेक जैसी कंपनियों के शेयरों पर असर पड़ सकता है, जबकि ज्वैलरी सेक्टर में मालाबार गोल्ड, रेनेसां ज्वैलरी, राजेश एक्सपोर्ट्स और कल्याण ज्वैलर्स समेत कई भारतीय कंपनियों के शेयरों की कीमत अमेरिकी बाजार में बढ़ रही है। पारस्परिक टैरिफ से उनके शेयरों पर असर पड़ सकता है। वहीं, विशेषज्ञ आईटी सेक्टर में भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि यदि व्यापार तनाव बढ़ता है और अमेरिका में उपभोक्ता खर्च घटता है, तो इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियों की वित्तीय सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
क्या भारत टैरिफ रोकने में सफल होगा?
भारत सरकार ट्रंप के टैरिफ को रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इससे पहले भारत सरकार ने अमेज़न और गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियों पर समानीकरण शुल्क माफ कर दिया था। इससे करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि होगी। इसके अलावा, सरकार ने टैरिफ लगाने से बचने के लिए कुछ अन्य स्थानों पर आयात शुल्क कम करने की अपनी तत्परता दिखाई है। इसलिए, 2 अप्रैल को यह स्पष्ट हो जाएगा कि ट्रंप टैरिफ लागू होगा या रोक दिया जाएगा।
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