Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर धमकी वाली राजनीति का सहारा लेते हुए न्यूयॉर्क शहर को चेतावनी दी है कि अगर भारतीय-युगांडा मूल के डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट नेता ज़ोहरान मामदानी चुनाव जीतते हैं, तो वह व्हाइट हाउस में वापस आने पर शहर की फ़ेडरल फंडिंग (केंद्र सरकार से मिलने वाला पैसा) रोक देंगे।
ट्रंप का यह बयान उनकी एक रैली के दौरान आया, जहाँ उन्होंने ज़ोहरान मामदानी को एक कट्टरपंथी और "कम्युनिस्ट" बताते हुए उन पर जमकर निशाना साधा। यह धमकी अमेरिकी राजनीति में इस बात को लेकर एक नई बहस छेड़ रही है कि क्या एक स्थानीय चुनाव के परिणाम के आधार पर देश के सबसे बड़े शहर को इस तरह सज़ा देने की धमकी देना सही है।
कौन हैं ज़ोहरान मामदानी, जिनसे डरे हुए हैं ट्रंप?
ज़ोहरान के. मामदानी न्यूयॉर्क की राज्य विधानसभा के एक सदस्य हैं और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट्स ऑफ अमेरिका' (DSA) के एक प्रमुख चेहरे हैं। 34 वर्षीय मामदानी का जन्म युगांडा में हुआ था, लेकिन वे न्यूयॉर्क में ही पले-बढ़े हैं। उनके पिता भारतीय मूल के जाने-माने शिक्षाविद महमूद मामदानी हैं।
ज़ोहरान अपनी प्रगतिशील और समाजवादी नीतियों के लिए जाने जाते हैं, जिनमें किरायेदारों के अधिकारों की वकालत करना, सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाना और अमीरों पर ज़्यादा टैक्स लगाने जैसी मांगें शामिल हैं। वह अपनी बेबाक बयानबाज़ी और स्थापित राजनीतिक व्यवस्था की आलोचना के लिए न्यूयॉर्क में काफी लोकप्रिय हैं।
ट्रंप ने क्यों दी यह धमकी?
डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी लंबे समय से समाजवाद को अमेरिकी मूल्यों के लिए एक ख़तरे के रूप में पेश करते रहे हैं। ज़ोहरान मामदानी जैसे नेताओं की बढ़ती लोकप्रियता उन्हें अपनी विचारधारा के लिए एक सीधी चुनौती लगती है।
रैली में ट्रंप ने कहा, "न्यूयॉर्क में एक कम्युनिस्ट, एक समाजवादी चुनाव लड़ रहा है। अगर वह जीत गया... अगर मैं राष्ट्रपति बनता हूँ, तो न्यूयॉर्क को एक पैसा भी नहीं मिलेगा। हम न्यूयॉर्क की फ़ेडरल फंडिंग में कटौती कर देंगे।"
ट्रंप का यह बयान उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जहाँ वह अपने वोटरों को यह संदेश देना चाहते हैं कि सिर्फ़ वही समाजवाद के ख़तरे से अमेरिका को बचा सकते हैं। वह ज़ोहरान की जीत को एक उदाहरण के तौर पर इस्तेमाल कर न्यूयॉर्क के मतदाताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या ट्रंप सच में ऐसा कर सकते हैं?
कानूनी और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि किसी राष्ट्रपति के लिए एक शहर की फ़ेडरल फंडिंग को इस तरह मनमाने ढंग से रोकना बहुत मुश्किल है, क्योंकि यह पैसा संसद द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा जैसी ज़रूरी सेवाओं के लिए पास किया जाता है। ऐसा करने के लिए उन्हें कांग्रेस की मंज़ूरी लेनी होगी और यह कदम कई कानूनी चुनौतियों में फँस सकता है।
हालांकि, ट्रंप की यह धमकी शहर की राजनीति में एक नया उबाल ज़रूर ले आई है। ज़ोहरान मामदानी के समर्थकों का कहना है कि यह दिखाता है कि उनकी नीतियां और उनकी बढ़ती लोकप्रियता स्थापित शक्तियों को डरा रही हैं। वहीं, आलोचकों का मानना है कि यह ट्रंप की बदला लेने वाली राजनीति का एक और उदाहरण है, जहाँ वह अपने राजनीतिक विरोधियों को सज़ा देने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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