
कल्पना कीजिए कि आप हवाई जहाज में सफर कर रहे हों और अचानक कोई यात्री उड़ान के बीच में ही इमरजेंसी दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे। न केवल यह घटना डरावनी होगी, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल सकती है। ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं, और हाल ही में एक मामला फिर चर्चा में आ गया है।
क्या हुआ एयर एशिया की उड़ान में?
यह घटना मलेशिया के कुआलालंपुर से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी जा रही एयर एशिया की फ्लाइट D7220 में 5 अप्रैल को हुई। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्लाइट के दौरान एक यात्री ने दो बार इमरजेंसी डोर खोलने की कोशिश की, जिससे फ्लाइट में हड़कंप मच गया।
अन्य यात्रियों और केबिन क्रू की सूझबूझ से उस यात्री को कंट्रोल में लाया गया और उसकी सीट पर बिठाया गया। पूरे सफर के दौरान यात्री डरे और सहमे रहे।
आरोपी कौन था?
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के अनुसार, इस शख्स की पहचान शादी तैसीर अलसैदेह, एक जॉर्डन के नागरिक के रूप में हुई है। उसे विमान की सुरक्षा को खतरे में डालने और केबिन क्रू पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
एयर एशिया का बयान
घटना के बाद एयर एशिया ने कहा कि उनकी टीम ने तुरंत और सही कार्रवाई की और सभी यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित की। एयरलाइन ने दोहराया कि ऐसी हरकतों के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति है और आरोपी को फ्लाइट लैंडिंग के तुरंत बाद पुलिस को सौंप दिया गया।
क्या उड़ती फ्लाइट में इमरजेंसी डोर खुल सकता है?
इस सवाल का जवाब है – नहीं, उड़ान के दौरान प्लेन का इमरजेंसी डोर नहीं खोला जा सकता। इसकी वजह है केबिन प्रेशर।
कैसे काम करता है इमरजेंसी डोर?
हवाई जहाज के दरवाजे को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह अंदर और बाहर के वायुदाब के बीच एक मजबूत सील बना सके।
उड़ान भरते ही केबिन में एयर प्रेशर बन जाता है जो दरवाजे को अंदर की तरफ खींचता है।
जब तक फ्लाइट जमीन पर नहीं होती और केबिन प्रेशर बराबर नहीं होता, दरवाजा खोलना लगभग असंभव होता है।
इसे ‘प्लग-टाइप डोर’ कहा जाता है, जो केवल तभी खुलता है जब फ्लाइट का दबाव सामान्य होता है।
अगर कोई जबरन दरवाजा खोलने की कोशिश करे तो?
यात्री की इस हरकत को गंभीर अपराध माना जाता है।
यह सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई, जेल और भविष्य में हवाई यात्रा पर प्रतिबंध तक लग सकता है।
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