
Up Kiran, Digital Desk: यूनाइटेड किंगडम (UK) इस साल अपनी तीसरी और अब तक की सबसे व्यापक गर्मी की लहर का सामना कर रहा है। जुलाई के मध्य में, पूरे देश में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है और अधिकारियों ने गंभीर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है। यह लगातार गर्म मौसम, जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट प्रभावों को दर्शाता है, और देश के बुनियादी ढांचे तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर दबाव डाल रहा है।
बढ़ते तापमान और व्यापकता:
यह तीसरी गर्मी की लहर न केवल पिछले दो झटकों से अधिक व्यापक है, बल्कि इसके रिकॉर्ड तोड़ तापमान तक पहुंचने की भी संभावना है। मौसम विज्ञान कार्यालय (Met Office) ने बताया है कि देश के कई हिस्सों, विशेषकर इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में पारा 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है, और कुछ स्थानों पर यह 35 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर सकता है। यह असामान्य तापमान पूरे यूनाइटेड किंगडम में महसूस किया जा रहा है, जो इसकी व्यापकता को दर्शाता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और चेतावनी:
बढ़ते तापमान के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट पर हैं। बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों जैसे संवेदनशील समूहों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और अन्य गर्मी संबंधी बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलने से बचने, हाइड्रेटेड रहने और हल्के कपड़े पहनने का आग्रह किया है।
बुनियादी ढांचे और परिवहन पर दबाव:
गर्मी की यह लहर केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे पर भी दबाव डाल रही है। सड़कों के पिघलने और रेलवे ट्रैक के मुड़ने की आशंका के कारण परिवहन सेवाओं में देरी और व्यवधान आम हो गए हैं। रेलवे ऑपरेटरों ने पटरियों के गर्म होने से बचाव के लिए ट्रेनों की गति सीमा कम कर दी है, जिससे यात्रियों को लंबी यात्रा का सामना करना पड़ रहा है। सूखे और गर्म मौसम के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आग लगने का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे वनस्पति और संपत्ति को नुकसान हो सकता है।
जलवायु परिवर्तन का संकेत:
वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों का मानना है कि इस तरह की लगातार और तीव्र गर्मी की लहरें जलवायु परिवर्तन का सीधा परिणाम हैं। यह ब्रिटेन में गर्म ग्रीष्मकाल और अत्यधिक मौसम की घटनाओं की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है। यह देश को भविष्य की जलवायु चुनौतियों के लिए अधिक लचीला बनने और उत्सर्जन को कम करने के लिए तत्काल उपाय करने की आवश्यकता पर जोर देती है।
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