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नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अगले हफ्ते अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा पर आ सकते हैं। चार दिन के इस दौरे में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और जयपुर व आगरा भी जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरे में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के भी शामिल होने की संभावना है। उपराष्ट्रपति बनने के बाद यह वेंस की पहली भारत यात्रा होगी, जिससे भारत-अमेरिका रिश्तों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

अमेरिका-चीन तनाव के बीच भारत दौरा क्यों है खास?

जेडी वेंस की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर एक बार फिर से गहराता जा रहा है। ऐसे में भारत-अमेरिका के बीच व्यापार और रणनीतिक सहयोग को लेकर बातचीत ने रफ्तार पकड़ ली है। फरवरी 2025 में दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को लेकर सहमति जताई थी, जिसका लक्ष्य साल 2030 तक व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाना है।

भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक अवसर

वेंस की यात्रा भारत के लिए कई स्तरों पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अमेरिका-चीन टकराव के चलते भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग और निवेश हब के रूप में उभरने का एक और मौका मिल सकता है। गौर करने वाली बात है कि 2018 में ट्रंप प्रशासन द्वारा शुरू की गई टैरिफ वॉर के दौरान भी ऐसी ही उम्मीदें जताई गई थीं कि विदेशी कंपनियां चीन की जगह भारत का रुख करेंगी, हालांकि तब यह बदलाव अपेक्षित स्तर पर नहीं हो पाया। अब 2024-25 की वैश्विक परिस्थितियाँ एक बार फिर भारत के पक्ष में नजर आ रही हैं।

जेडी वेंस की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को नई गति मिलने की संभावना है। आने वाले समय में यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा सकता है।

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