violence over reservation: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में 14 पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी मारे गए हैं और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं। हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार ने देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है और 3 दिन की छुट्टी का ऐलान कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया, जिसमें 13 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
शेख हसीना को जनवरी 2024 में प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया था। विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनाव का बहिष्कार किया। रविवार को बीएनपी कार्यकर्ताओं ने शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। अवामी लीग, विद्यार्थी लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया। इससे दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध करने के बाद राजधानी ढाका सहित अन्य शहरों में झड़पें हुईं।
सेना हटाओ: पूर्व सैन्य अधिकारियों की मांग
शेख हसीना ने हिंसा रोकने के लिए सेना बुला ली है। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने मांग की है कि उन्हें सड़कों से हटाकर वापस बैरक में भेजा जाए।
इन अधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ऐसे प्रदर्शनों को रोकने के लिए सेना की ताकत बर्बाद न करें। पूर्व सेना प्रमुख इकबाल भुइयां ने कहा कि बांग्लादेश सेना ने कभी भी अपने ही नागरिकों पर बंदूक नहीं उठाई है और न ही उन्हें ऐसा करने के लिए प्रशिक्षित किया है।
कुछ दिन पहले बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर बड़ी हिंसा हुई थी। इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहां से सैकड़ों भारतीय छात्र भारत लौट आये थे। सरकार ने विभिन्न श्रेणियों में 56 फीसदी आरक्षण रद्द कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया।
हिंसा की पुनरावृत्ति के बाद, बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को उच्चायुक्त कार्यालय के संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। उच्चायुक्त कार्यालय की ओर से उनके लिए एक संपर्क नंबर जारी किया गया है।
यूनिवर्सिटी में आगजनी
बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी में कुछ अज्ञात लोगों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। एंबुलेंस और अन्य वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। 13 जिलों में हिंसा हुई है। सरकार द्वारा फेसबुक, व्हाट्सएप। मैसेंजर समेत सभी सोशल मीडिया पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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