
Up Kiran, Digital Desk: भारत की वैज्ञानिक और अनुसंधान क्षमता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने हाल ही में एक अत्याधुनिक बायोसेफ्टी लेवल-3 (BSL-3) प्रयोगशाला का शुभारंभ किया है। यह महत्वपूर्ण सुविधा उच्च संक्रामक रोगजनकों (highly infectious pathogens) पर गहन शोध को बढ़ावा देने के लिए समर्पित होगी, जिससे भारत खतरनाक बीमारियों से लड़ने की अपनी क्षमता को मजबूत करेगा और विदेशी प्रयोगशालाओं पर अपनी निर्भरता कम करेगा।
BSL-3 लैब क्या है और इसका महत्व क्या है?
बायोसेफ्टी लेवल-3 (BSL-3) प्रयोगशालाएं उन रोगजनकों के लिए डिज़ाइन की गई हैं जो मनुष्यों में गंभीर या संभावित रूप से घातक बीमारी का कारण बन सकते हैं, जब उनका साँस के ज़रिए संपर्क हो। इन प्रयोगशालाओं में काम करने के लिए विशेष रूप से उन्नत सुरक्षा नियंत्रण, जैव सुरक्षा (biosafety) और जैव सुरक्षा उपाय (biosecurity measures) आवश्यक होते हैं, जैसे कि विशेष एयर हैंडलिंग सिस्टम, एयर फिल्टरेशन, और डबल-डोर एंट्री।
IIT दिल्ली में इस BSL-3 लैब की स्थापना भारत में संक्रामक रोगों (infectious diseases) के अनुसंधान के लिए एक बड़ा कदम है। यह शोधकर्ताओं को उन खतरनाक रोगाणुओं का सुरक्षित रूप से अध्ययन करने में सक्षम बनाएगा जो वर्तमान में भारत में बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियां पेश करते हैं। इस सुविधा के माध्यम से, वैज्ञानिक टीकों (vaccines), दवाओं (therapeutics), और नैदानिक उपकरणों (diagnostic tools) के विकास में तेजी ला सकते हैं।
भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम:
पहले, ऐसे खतरनाक रोगजनकों पर शोध करने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों को अक्सर विदेशों में स्थित प्रयोगशालाओं पर निर्भर रहना पड़ता था। IIT दिल्ली में BSL-3 लैब की स्थापना के साथ, भारत अब घरेलू स्तर पर (domestically) इस तरह के महत्वपूर्ण शोध करने में सक्षम होगा। यह न केवल आयात प्रतिस्थापन (import substitution) को बढ़ावा देगा, बल्कि देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा (public health security) को भी मजबूत करेगा।
अनुसंधान और विकास को मिलेगा बढ़ावा:
इस प्रयोगशाला से रोग निदान (disease diagnosis), रोग नियंत्रण (disease control), और महामारी की रोकथाम (epidemic prevention) के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। यह शोधकर्ताओं को विभिन्न संक्रामक रोगों के तंत्र को बेहतर ढंग से समझने, उनके प्रसार को रोकने और प्रभावी उपचार विकसित करने में सहायता करेगा।
IIT दिल्ली का यह कदम भारत को स्वास्थ्य सेवा अनुसंधान (healthcare research) और महामारी प्रतिक्रिया (pandemic response) के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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