
आज के तेज़ रफ्तार जीवन और घर-ऑफिस की चारदीवारी में सिमटी दिनचर्या में हम एक जरूरी चीज़ को नज़रअंदाज़ कर बैठते हैं – वह है धूप। और इसी आदत की वजह से हमारे शरीर में विटामिन D की कमी लगातार बढ़ रही है। यह कमी धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर बना देती है, लेकिन चूंकि इसके लक्षण तुरंत नहीं दिखते, लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते।
विटामिन D का शरीर में क्या काम है?
विटामिन D शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट जैसे मिनरल्स के अवशोषण में मदद करता है, जो हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखते हैं। इसके अलावा, यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। डॉक्टर सुनील चौधरी (एसोसिएट डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक्स, एशियन हॉस्पिटल) के अनुसार, विटामिन D सिर्फ हड्डियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है।
विटामिन D की कमी से होने वाली समस्याएं
1. हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस
विटामिन D की कमी से शरीर में कैल्शियम का सही अवशोषण नहीं हो पाता, जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
2. बच्चों में रिकेट्स
यह बीमारी बच्चों में हड्डियों को टेढ़ा-मेढ़ा बना देती है। इसका मुख्य कारण विटामिन D की भारी कमी होती है।
3. वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया
यह स्थिति हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी के रूप में सामने आती है।
4. थकान और मांसपेशियों में दर्द
बिना शारीरिक मेहनत के भी थकान महसूस होना, शरीर भारी लगना और मांसपेशियों में अकड़न – ये सब इस कमी के संकेत हो सकते हैं।
5. कमजोर इम्यून सिस्टम
विटामिन D की कमी से सर्दी-जुकाम, फ्लू और अन्य संक्रमण जल्दी हो सकते हैं।
6. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
मूड स्विंग्स, चिंता और डिप्रेशन जैसे मानसिक लक्षण भी इस पोषक तत्व की कमी से जुड़े हो सकते हैं।
7. हृदय रोगों का खतरा
कुछ शोधों में पाया गया है कि विटामिन D की कमी हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकती है।
8. डायबिटीज का बढ़ता खतरा
विशेषकर टाइप 2 डायबिटीज से इसका गहरा संबंध देखा गया है।
9. बाल झड़ना
लगातार बाल झड़ने की एक बड़ी वजह विटामिन D की कमी भी हो सकती है।
10. ऑटोइम्यून बीमारियां
मल्टीपल स्क्लेरोसिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों का भी संबंध इससे जोड़ा गया है।
कैसे बचें विटामिन D की कमी से?
1. धूप में समय बिताएं
हर व्यक्ति को सप्ताह में 3-4 बार कम से कम 20 मिनट सुबह की धूप में रहना चाहिए, विशेष रूप से सुबह 7 से 10 बजे के बीच। यह विटामिन D पाने का सबसे प्राकृतिक और सरल तरीका है।
2. खानपान में सुधार करें
डाइट में अंडा, मछली (विशेषकर सैल्मन), दूध, दही, पनीर और मशरूम को शामिल करें। ये सभी विटामिन D के अच्छे स्रोत हैं।
3. सप्लीमेंट्स का सहारा लें
अगर जांच में कमी पाई जाती है, तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D के सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं। इसके साथ ही नियमित जांच करवाना जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो ज़्यादातर समय घर या ऑफिस में बिताते हैं।
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