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नीम करोली बाबा एक ऐसे संत थे जिनकी दिव्यता और चमत्कारी प्रभाव ने न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है और उन्होंने अपने जीवन में राम नाम का अत्यंत जप किया। उनका प्रमुख आश्रम उत्तराखंड के नैनीताल जिले के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है, जिसे कैंची धाम कहा जाता है। हर वर्ष 15 जून को यहां विशाल वार्षिक मेला आयोजित होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु देश-विदेश से भाग लेने आते हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा के धाम आता है और कुछ विशेष कार्य करता है, उसकी मनोकामना बाबा अवश्य पूर्ण करते हैं। अगर आप भी बाबा नीम करोली के आश्रम जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जान लेना बेहद आवश्यक है कि वहां जाकर कौनसे कार्य करने चाहिए जिससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सके।

 मंत्र जप से खुलते हैं भाग्य के द्वार

नीम करोली बाबा का मानना था कि राम नाम और हनुमान जी का स्मरण ही सबसे बड़ा साधन है। बाबा स्वयं जीवन भर “राम राम” का जप करते रहे और यही उन्होंने अपने भक्तों को भी सिखाया। कैंची धाम जाकर निम्न मंत्रों का जाप अवश्य करें:

“राम राम” का 108 बार जाप करें: माना जाता है कि सच्चे मन से केवल राम नाम का जाप करने से भी जीवन की दिशा बदल सकती है।

“ॐ हं हनुमते नमः” मंत्र का जाप: यह मंत्र शक्ति और साहस का स्रोत है। हनुमान जी की कृपा से राह की बाधाएं दूर होती हैं।

“जय नीम करोली बाबा” का उच्चारण: बाबा को समर्पित यह मंत्र आपके मन में शांति और आस्था दोनों भर देता है।

इन मंत्रों का जप करते समय ध्यान रखें कि आपका मन एकाग्र हो और आप पूर्ण श्रद्धा से जप कर रहे हों। चाहे आप अकेले हों या समूह में, यह साधना आपकी मनोकामना पूर्ण करने में सहायक हो सकती है।

 बाबा को अर्पित करें कंबल: सादगी का प्रतीक

बाबा नीम करोली सादगी में विश्वास रखते थे। उन्होंने जीवनभर साधारण वस्त्र पहने और कभी भौतिक सुख-सुविधाओं की इच्छा नहीं की। इसलिए बाबा को कंबल अर्पित करना उनके प्रति श्रद्धा और सादगी का प्रतीक माना जाता है।

कंबल अर्पण करने से आपकी सांसारिक इच्छाओं का भार हल्का होता है।

यह कार्य बाबा के प्रति समर्पण का भाव दिखाता है और उनकी कृपा को आकर्षित करता है।

यदि आप किसी रोग या संकट से गुजर रहे हैं, तो कंबल अर्पण करने से राहत मिल सकती है।

कई भक्तों के अनुभव बताते हैं कि बाबा को कंबल चढ़ाने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें जीवन में शुभ संकेत या अवसर प्राप्त हुए हैं।

 श्रद्धा से करें हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान जी बाबा नीम करोली के आराध्य देव थे। बाबा के जीवन में हनुमान चालीसा का विशेष स्थान था। कैंची धाम में जाकर 3, 7 या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से चमत्कारी अनुभव हो सकते हैं।

यह पाठ आपकी मनोकामना को एक दिव्य ऊर्जा प्रदान करता है।

विशेष रूप से अगर आप किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो यह पाठ समाधान का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

यह पाठ न केवल आध्यात्मिक उन्नति देता है, बल्कि मानसिक तनाव और भय से भी राहत दिलाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय शांत स्थान पर बैठें, गहरी सांस लें और मन को एकाग्र करें। बाबा की तस्वीर या मूर्ति के सामने पाठ करना और अंत में पुष्प या फल अर्पित करना श्रेष्ठ माना गया है।

 धाम में करें दान: पुण्य का मार्ग

दान करना सनातन धर्म का एक अत्यंत पवित्र कार्य है। बाबा नीम करोली भी हमेशा सेवा और सहायता के पक्षधर रहे। कैंची धाम जाकर यदि आप किसी जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र, कंबल, किताबें या अन्य आवश्यक सामग्री दान करते हैं, तो इसका फल अत्यंत शुभ होता है।

दान से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि आपके जीवन के क्लेश और कष्ट भी दूर हो सकते हैं।

यह कार्य दूसरों के प्रति करुणा और बाबा के सिद्धांतों का पालन करने जैसा है।

खासकर शनिवार या मंगलवार को दान करने से हनुमान जी और बाबा नीम करोली की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

ध्यान रखें कि दान हमेशा सच्चे मन से, बिना दिखावे के और संकोच रहित होकर करें। यही दान आपको मनोवांछित फल दे सकता है।

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