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hezbollah challenges: लेबनान की सरकार और हिजबुल्लाह इजरायल के हालिया अचानक हुए हमले से चौंक गए हैं। पेजर, मोबाइल और सोलर पैनल में हुए धमाकों ने हिजबुल्लाह की नींव हिला दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेरूत में पेजर विस्फोट के दौरान कई हिजबुल्ला सदस्यों और बच्चों की मौत हो गई, और स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हैं। यह स्थिति इस बात को उजागर करती है कि जो हिजबुल्लाह एक समय इजरायल के खिलाफ सशक्त नजर आता था, वो अब किस हद तक कमजोर हो चुका है।

30 साल पहले हिजबुल्लाह एक सशस्त्र आतंकवादी संगठन था, जिसका प्रभावी संघर्ष ने उसे एक राजनीतिक ताकत में बदल दिया। 2000 में उसने इजरायल को दक्षिणी लेबनान से खदेड़ा और 2006 में 34 दिनों तक उसके खिलाफ मोर्चा खोला। मगर आज ईरान का पाला होने के बावजूद हिजबुल्लाह की स्थिति काफी कमजोर नजर आ रही है।

हिजबुल्लाह ने भले ही संसाधनों में वृद्धि की हो और चुनावों में भाग लेकर राजनीतिक सफलताएँ पाई हों, मगर इजरायल के हालिया हमलों ने उसकी छवि को धूमिल कर दिया है। अब सवाल उठता है कि जो संगठन कभी इजरायल को चुनौती देता था, वो आज इतना बेबस क्यों है? क्या ये उसकी रणनीति में बदलाव का संकेत है या कुछ और? 

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