img

Up Kiran, Digital Desk: रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अगले महीने तक भारतीय वायुसेना को तेजस मार्क-1ए के पहले दो लड़ाकू विमान सौंप देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सितंबर के अंत तक हथियारों से लैस ये विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे।

फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का बड़ा अनुबंध किया था, जिसके तहत 83 तेजस मार्क-1ए विमानों की आपूर्ति तय हुई थी। अब तक लगभग 38 तेजस विमान वायुसेना में सेवा दे रहे हैं, जबकि 80 से अधिक विमान निर्माणाधीन हैं। हालांकि, डिलीवरी की समय-सीमा बार-बार टलने से वायुसेना ने चिंता जताई थी।

देरी की मुख्य वजह अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस रही, जिसने विमान के लिए आवश्यक इंजन समय पर उपलब्ध नहीं कराए। इस अड़चन के बावजूद सरकार ने हाल ही में 97 और तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी दी है, जिनकी अनुमानित लागत 67,000 करोड़ रुपये है।

रक्षा सचिव सिंह ने साफ किया कि एचएएल को नए अनुबंध पर तभी हस्ताक्षर मिलेंगे जब वह पूर्ण पैकेज के साथ दो विमान सौंप देगा। उन्होंने भरोसा जताया कि इस डिलीवरी के बाद एचएएल के पास अगले चार से पांच वर्षों का मजबूत ऑर्डर बुक होगा।

सिंह ने कहा कि नए विमानों में बेहतर रडार और स्वदेशी हथियार प्रणाली जोड़ी जाएगी, जिससे यह प्लेटफॉर्म भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ तालमेल बिठा सकेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि स्क्वाड्रनों की मौजूदा कमी को देखते हुए वायुसेना को और प्लेटफार्मों की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए वैकल्पिक विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

तेजस मार्क-1ए की खासियत

तेजस एकल इंजन वाला बहु-भूमिका लड़ाकू विमान है, जिसे उच्च खतरे वाले हवाई वातावरण में भी संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह वायु रक्षा, समुद्री निगरानी और आक्रामक अभियानों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मार्क-1ए संस्करण को मिग-21 विमानों की जगह लेने के लिए विकसित किया गया है। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास स्वीकृत 42 स्क्वाड्रनों के मुकाबले केवल 31 स्क्वाड्रन सक्रिय हैं, ऐसे में तेजस का बेड़े में शामिल होना बेहद अहम माना जा रहा है।

--Advertisement--