Up Kiran, Digital Desk: जब पेट दर्द की शिकायत लेकर माता-पिता अपनी 14 साल की बेटी को डॉक्टर के पास ले गए, तो उन्हें नहीं पता था कि जो सच सामने आने वाला है, वह उनके पैरों तले जमीन खिसका देगा. यह कोई मामूली पेट दर्द नहीं था. जांच के बाद जो खुलासा हुआ, वह प्यार के नाम पर हुए एक घिनौने धोखे और एक मासूम के साथ हुई दरिंदगी की कहानी बयां कर रहा था. 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली यह बच्ची पांच महीने की गर्भवती थी.
यह दिल दहला देने वाली घटना कर्नाटक के बल्लारी जिले के काम्प्ली कस्बे की है, जिसने एक बार फिर समाज को आइना दिखाया है और हर माता-पिता को चिंता में डाल दिया है.
प्यार का जाल और शादी का झूठा वादा
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे घिनौने खेल का आरोपी 22 साल का एक युवक संगनबसवा है. संगनबसवा ने पिछले छह महीनों से इस नाबालिग लड़की को अपने 'प्यार के जाल' में फंसा रखा था.
उसने लड़की से शादी करने का झूठा वादा किया. इस वादे की आड़ में वह उसे बहला-फुसलाकर अलग-अलग जगहों, जैसे कि अपने खेत, सुनसान इलाकों और यहां तक कि लड़की के घर पर भी, जब कोई नहीं होता था, ले जाकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा. मासूम लड़की उसके झूठे वादों पर भरोसा करती रही और यह सिलसिला महीनों तक चलता रहा.
एक पेट दर्द ने खोल दिया सारा राज
इस दरिंदगी का राज शायद और भी दबा रहता, अगर लड़की को पेट में तेज दर्द न होता. जब परेशान माता-पिता उसे अस्पताल ले गए, तो डॉक्टर ने जांच के बाद जो बताया, उसे सुनकर वे सन्न रह गए. उनकी 14 साल की बेटी गर्भवती थी.
जब माता-पिता ने सदमे और हिम्मत के साथ अपनी बेटी से इस बारे में पूछा, तो उसने रोते-रोते सारी आपबीती सुना दी. उसने बताया कि कैसे संगनबसवा ने उसे प्यार और शादी के सपने दिखाकर उसके साथ यह सब किया.
पुलिस का एक्शन, दरिंदा गिरफ्तार
बेटी की कहानी सुनकर परिवार का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने तुरंत काम्प्ली पुलिस स्टेशन जाकर संगनबसवा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. मामला एक नाबालिग लड़की से जुड़ा था, इसलिए पुलिस ने बिना कोई देरी किए तुरंत कार्रवाई की.
पुलिस ने आरोपी संगनबसवा के खिलाफ POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
यह घटना एक कड़वी सच्चाई है, जो बताती है कि हमारे बच्चे अपने घरों के आसपास भी कितने असुरक्षित हैं. यह हर माता-पिता के लिए एक चेतावनी है कि वे अपने बच्चों से बात करें, उनके दोस्त बनें और उन्हें अच्छे और बुरे की पहचान करना सिखाएं, ताकि कोई और मासूम इस तरह के 'लव ट्रैप' का शिकार न बने.
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