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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर भारत और दिल्ली में गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इंसानी शरीर कितनी गर्मी सहन कर सकता है।
हर साल की तरह इस बार भी उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली समेत कई राज्यों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है। 9 जून को दिल्ली में अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, मगर लोगों को यह लगभग 49 डिग्री जैसा महसूस हुआ। मौसम विभाग ने इस स्थिति को लेकर चेतावनी भी जारी की है।
मानव शरीर पर गर्मी का असर कैसे पड़ता है
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब बाहरी तापमान बढ़ता है, तो शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। इससे शरीर में बुखार जैसा अनुभव हो सकता है, मगर यह सामान्य बुखार से अलग होता है। शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए पसीने के जरिए तापमान को नियंत्रित करता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने लगती है।
अगर तापमान बहुत ज्यादा हो जाए, तो इससे दिमाग पर असर पड़ता है, जो गंभीर और जानलेवा हो सकता है। 40 डिग्री के आसपास पहुंचने पर शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है। 42-43 डिग्री तापमान पर हालत गंभीर हो सकती है, और अगर शरीर का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच जाए, तो ब्रेन डैमेज और मृत्यु का खतरा हो सकता है।
मानव शरीर कितनी गर्मी सह सकता है
रिपोर्ट्स के अनुसार, मानव शरीर सामान्य रूप से 35 से 37 डिग्री तापमान को सहजता से सहन कर सकता है। मगर जब तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला जाता है, तो खतरा बढ़ने लगता है। 45 डिग्री या उससे अधिक तापमान इंसान के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
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