img

Up kiran,Digital Desk : हमारी राजनीति में अक्सर एक पार्टी के नेता दूसरी पार्टी पर आरोप लगाते ही दिखते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ ऐसा भी होता है जो दिल जीत लेता है। ऐसा ही एक खूबसूरत नजारा देखने को मिला, जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता चंपाई सोरेन ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के काम की जमकर तारीफ की।

तो आखिर असम में ऐसा क्या हुआ?

कहानी ये है कि असम सरकार ने एक ऐसा "ऐतिहासिक फैसला" लिया है, जिसका इंतज़ार चाय के बागानों में काम करने वाले लाखों आदिवासी मजदूर पिछले 200 सालों से कर रहे थे। जी हाँ, पूरे 200 साल से!

  1. चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों को अब उनके घर बनाने के लिए ज़मीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। सोचिए, जिस जगह पर उनकी कई पीढ़ियों ने ज़िंदगी गुजार दी, अब जाकर वो ज़मीन कानूनी तौर पर उनकी होगी।
  2. इसके साथ ही, असम सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि इन चाय बागान कर्मचारियों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिया जाएगा।

इस खबर से झारखंड क्यों खुश है?

अब आप सोच रहे होंगे कि फैसला असम में हुआ, तो झारखंड के नेता इतने खुश क्यों हैं? तो इसकी वजह बहुत गहरी और भावनात्मक है। चंपाई सोरेन ने बताया कि असम के इन चाय बागानों में काम करने वाले ज़्यादातर मजदूर हमारे ही झारखंड की मिट्टी से जुड़े हुए आदिवासी हैं। ये लोग 200 साल पहले काम करने के लिए असम गए थे और वहीं बस गए, लेकिन उन्हें आज तक उनका हक नहीं मिला था।चंपाई सोरेन ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि पिछली सरकारों ने दशकों तक इनके हकों को नजरअंदाज किया, लेकिन अब बीजेपी की सरकार ने इनके सालों पुराने संघर्ष का सम्मान किया है।

सोशल मीडिया पर दिखा खूबसूरत नज़ारा

चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं पूरे आदिवासी समाज की तरफ से असम के मुख्यमंत्री को इन ऐतिहासिक फैसलों के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ।” इस तारीफ का जवाब भी उतने ही सुंदर तरीके से आया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चंपाई सोरेन का शुक्रिया अदा किया और कहा, "चाय समुदाय और आदिवासी समाज के अधिकारों को मजबूत करना हमारी सरकार की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है। आपकी नेक ख्वाहिशें हमें और काम करने की प्रेरणा देंगी।"

यह वाकया राजनीति में एक सकारात्मक पहलू दिखाता है, जहाँ गरीबों और मजदूरों के भले के लिए किए गए काम पर सियासत से ऊपर उठकर भी एक दूसरे को सराहा जा सकता है।