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Up Kiran, Digital Desk: राधारानी के परम भक्त और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज जी को उनके विचारों और शिक्षाओं के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। उनके पास लोग अपनी जीवन की समस्याओं चिंताओं और उलझनों के समाधान के लिए जाते हैं। हाल ही में एक भक्त ने उनसे पूछा कि यदि किसी पर झूठा आरोप लगाया जाए तो उसे क्या करना चाहिए? इस सवाल पर प्रेमानंद महाराज जी का जवाब बहुत ही सरल और गहरा था।
उन्होंने कहा "जब किसी पर झूठा आरोप लगे तो सबसे पहले हमें भगवान का नाम जाप करना चाहिए। भगवान का नाम हमारे मन को शांति देता है और हमें नकारात्मकता से उबारता है। आरोपों को सच्चाई से जांचना और समझना चाहिए मगर हमें कभी भी अपने दिल में नफरत या गुस्सा नहीं रखना चाहिए।"
महाराज जी ने आगे बताया कि अगर आरोप सही हैं तो हमें अपनी गलतियों को स्वीकार कर सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। "मगर अगर जांच करने पर यह पता चलता है कि आरोप मिथ्या हैं तो हमें अपनी समझ को बनाए रखना चाहिए। हम किसी की बुद्धि को नहीं बदल सकते। वह जो कह रहा है उसे कहते रहने दें।
प्रेमानंद महाराज जी ने यह भी कहा कि यदि हम किसी के शब्दों से दुखी हो जाएंगे तो हम कभी भी सच्चे सुख की प्राप्ति नहीं कर सकते। "जो बोल रहा है उसे बोलने दो। तुम्हें अपनी खुशियों का ख्याल रखना है। दुखी होने से कभी सुख नहीं मिलता।"
उन्होंने यह भी बताया कि संसार में अच्छे मार्ग पर चलने वालों के लिए चुनौतियां हमेशा रहती हैं। यह दुनिया धोखे और छल-प्रपंच से भरी हुई है। लोग आपका साथ देने के बजाय आपको गिराने की कोशिश करेंगे। मगर हमें अपने रास्ते से भटकना नहीं चाहिए।
महाराज जी ने आगे कहा कि आपको अगर किसी की मदद करनी है तो वो आपके ही खिलाफ हो सकता है। यह संसार है जहां हर किसी का चेहरा अलग है। अगर आप दिल से किसी को प्यार करते हैं तो वह कभी आपका ही दिल तोड़ सकता है। इसलिए हमेशा अच्छाई करो चाहे कोई तुम्हारा अपमान ही क्यों न करे।
उन्होंने अंत में यह कहा कि यदि कोई बुरा कहे तो उसे अपनी बुद्धि से न मानो। वो उसकी बुद्धि है उसे उसका हिस्सा रहने दो। तुम्हारा अपना मार्ग अलग है।
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