Up Kiran, Digital News: पहलगाम अटैक और उसके बाद चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की शांत वादियों को भी प्रभावित किया। चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले अचानक उपजे सुरक्षा संकट के कारण राज्य में पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश और यहां तक कि केदारनाथ-बदरीनाथ जैसे श्रद्धा स्थलों की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था।
मगर भारत-पाकिस्तान के बीच घोषित सीजफायर और केंद्र सरकार द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए किए गए सख्त प्रबंधों के बाद अब हालात में तेजी से सुधार आने लगा है। चारधाम यात्रा के साथ-साथ पर्यटन स्थलों पर भी भीड़ लौटती दिखाई दे रही है।
पर्यटन में दिखा सुधार, नैनीताल-मसूरी में लौटी रौनक
मई की शुरुआत में नैनीताल में पर्यटकों की आमद लगभग थम सी गई थी। होटल और होम स्टे लगभग खाली हो गए थे। स्थानीय व्यापारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं। मगर हाल ही में रविवार को दृश्य बदला—माल रोड, नैनीताल झील और हिमालयन बॉटनिकल गार्डन में फिर से चहल-पहल देखी गई।
सांख्यिकी के अनुसार, नैनीताल जू में रविवार को 876 पर्यटक पहुंचे। बॉटनिकल गार्डन में 300 और वुडलैंड वाटरफॉल में 877 पर्यटक दर्ज किए गए। पार्किंग स्थल मेट्रोपोल और डीएसए में कुल 450 वाहन पार्क किए गए।
हरिद्वार में आस्था का सैलाब, प्रशासन हाई अलर्ट पर
हरिद्वार के गंगा घाटों पर बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हर की पैड़ी पर सुबह से ही डुबकी लगाने वालों की कतारें लगी रहीं। ट्रैफिक प्रबंधन के तहत दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर नारसेन बॉर्डर से भारी वाहनों को रोकने का निर्णय लिया गया। हरिद्वार की सभी प्रमुख पार्किंग फुल हो चुकी हैं और होटलों में एडवांस बुकिंग शुरू हो गई है।
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