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Up Kiran, Digital Desk: यह सब मार्केटिंग की दुनिया का एक बड़ा खेल है, जिसे आपको समझने की ज़रूरत है। अगली बार जब आप चिप्स का पैकेट उठाएं, तो इन शब्दों के पीछे छिपे असली मतलब को ज़रूर जान लें।

1. "बेक्ड, नॉट फ्राइड" (Baked, not fried)
यह सुनकर लगता है कि यह तेल से तर-बतर फ्राइड चिप्स से कहीं बेहतर है। हां, यह कुछ हद तक बेहतर हो सकता है, लेकिन "हेल्दी" बिल्कुल नहीं। इन "बेक्ड" चिप्स में भी कैलोरी और सोडियम (नमक) की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। कई बार उन्हें बेक करने से पहले तेल से स्प्रे किया जाता है ताकि वे कुरकुरे बनें। तो अगली बार इसे "हेल्थ फूड" समझने की गलती न करें।

2. "0% ट्रांस फैट" (0% Trans Fat)
यह फूड इंडस्ट्री का सबसे बड़ा और सबसे पुराना धोखा है। नियमों के अनुसार, अगर किसी प्रोडक्ट के एक सर्विंग में 0.5 ग्राम से कम ट्रांस फैट है, तो कंपनी उसे कानूनी रूप से "0% ट्रांस फैट" लिख सकती है। अब सोचिए, एक सर्विंग में सिर्फ़ 10-12 चिप्स होते हैं, और हम में से कोई भी इतने कम खाकर नहीं रुकता।

 जब आप पूरा पैकेट खाते हैं, तो आप कई गुना ट्रांस फैट अपने शरीर में डाल लेते हैं, जो दिल की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है।
स्मार्ट टिप: सामग्री की लिस्ट में "partially hydrogenated oil" शब्द ढूंढें। अगर यह लिखा है, तो इसका मतलब है कि प्रोडक्ट में ट्रांस फैट है, भले ही पैकेट पर "0%" लिखा हो।

3. "मल्टीग्रेन" (Multigrain)
"मल्टीग्रेन" का सीधा सा मतलब है कि इसमें 'एक से ज़्यादा तरह के अनाज' का इस्तेमाल हुआ है। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि वे अनाज 'साबुत' (Whole Grain) हैं। हो सकता है कि इसमें 99% सिर्फ मैदा (refined flour) हो और 1% में दो-तीन तरह के दूसरे आटे हों। यह सेहत के लिए उतना ही नुकसानदायक हो सकता है जितना कि मैदे से बना कोई दूसरा प्रोडक्ट।
स्मार्ट टिप: "मल्टीग्रेन" की जगह "100% होल ग्रेन" (100% Whole Grain) का लेबल ढूंढें।

4. "नेचुरल फ्लेवर्स" (Natural Flavors)
यह सुनने में बहुत अच्छा लगता है, मानो इसमें सीधे प्रकृति से मसाले डाले गए हों। लेकिन ऐसा नहीं है। "नेचुरल" का मतलब सिर्फ़ इतना है कि उस फ्लेवर का स्रोत कोई प्राकृतिक चीज़ (जैसे कोई पौधा या जानवर) है, लेकिन उसे प्रोसेस लैब में ही किया जाता है। यह उतना ही प्रोसेस्ड हो सकता है जितना कि "आर्टिफिशियल फ्लेवर"।

5. सर्विंग साइज़ का खेल (The Serving Size Game)
यह वह जाल है जिसमें हम सब फंसते हैं। पैकेट के पीछे न्यूट्रिशन की जानकारी देखें। आप पाएंगे कि कैलोरी, फैट और शुगर की मात्रा सिर्फ़ एक छोटी 'सर्विंग' (जैसे 10 चिप्स) के लिए लिखी होती है। हम पूरा पैकेट खा जाते हैं और सोचते हैं कि हमने सिर्फ़ 100-150 कैलोरी ली, जबकि असल में हम 400-500 कैलोरी खा चुके होते हैं।

तो अब क्या करें:अगली बार जब आप सुपरमार्केट जाएं, तो पैकेट के सामने लिखे आकर्षक शब्दों पर नहीं, बल्कि पीछे दी गई इंग्रेडिएंट्स लिस्ट और न्यूट्रिशन टेबल पर ध्यान दें। असली कहानी वहीं छिपी होती है। एक स्मार्ट ग्राहक बनें और जानें कि आप जो खा रहे हैं, उसमें वाकई क्या है।

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