वर्तमान में ब्रेन ट्यूमर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर युवा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ब्रेन ट्यूमर वास्तव में क्या है? ब्रेन ट्यूमर में मस्तिष्क के आसपास की सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। कभी-कभी ये इतने फैल जाते हैं कि मस्तिष्क से लेकर शरीर के अन्य हिस्सों तक फैलने लगते हैं। दिमाग के आसपास की कोशिकाओं और डीएनए में कई खतरनाक बदलावों से ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया भर में 10 लाख से ज्यादा लोग ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। हर साल लगभग 90 हजार लोगों में इसका निदान किया जाता है। बच्चों में भी इसका खतरा तेजी से बढ़ा है। ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। इसके शुरुआती लक्षणों को समझना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन अगर समय रहते समझ लिया जाए तो जान बचाई जा सकती है।
ब्रेन ट्यूमर का कारण
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के चारों ओर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि या डीएनए में परिवर्तन है। यह ख़राब आहार, जीवनशैली और आनुवंशिक कारकों के कारण भी हो सकता है। वहीं, यह कुछ प्रकार के रसायनों और विकिरण के संपर्क में आने के कारण भी हो सकता है। समय रहते इसके लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
- सुबह सिरदर्द या अचानक तेज दर्द होना
- मतली या उलटी
- आंखों की समस्या या दृष्टि हानि
- हाथों या पैरों में झुनझुनी
- बोलने में कठिनाई
- सारा दिन थकान महसूस होना
- किसी भी चीज़ को याद रखने में कठिनाई होना।
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