Up Kiran, Digital Desk: आज दोपहर करीब दो बजकर दस मिनट पर दुबई एयर शो के मैदान में हर कोई सांस थामकर देखता रह गया। भारतीय वायुसेना का तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया और रनवे के पास जोरदार आवाज के साथ जमीन पर जा गिरा। कुछ पल बाद विमान में आग की लपटें उठीं और फिर धमाका हुआ। अच्छी बात यह रही कि पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए।
घटना ने सबको चौंका दिया लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक दुर्घटना से तेजस की पूरी क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। यह विमान पिछले दो दशकों से अधिक समय से लगातार उड़ान भर रहा है और हजारों घंटे की सुरक्षित उड़ान का रिकॉर्ड रखता है।
फिर भी दुनिया की नजर तेजस पर बनी हुई है
तेजस भारत का पहला स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान है जो छोटे आकार में बड़ी ताकत रखता है। कम वजन होने से यह हवा में तेजी से पैंतरेबाजी कर सकता है। आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सस्ती कीमत इसे उन देशों के लिए खासा लुभावना बनाती है जिनके पास बजट सीमित है लेकिन आधुनिक हवाई ताकत चाहिए।
फिलहाल भारत ने तेजस को किसी भी देश को आधिकारिक रूप से निर्यात नहीं किया है लेकिन कई वायुसेनाओं ने गहरी दिलचस्पी दिखाई है।
कौन कौन से देश कतार में खड़े हैं?
सबसे आगे नाम आता है मलेशिया का। भारत ने उसे अट्ठारह विमानों का प्रस्ताव भेज रखा है और वहां की वायुसेना इसे अपने पुराने मिग-29 की जगह लेने के लिए गंभीरता से देख रही है।
अर्जेंटीना भी पिछले दो साल से लगातार बात कर रहा है। ब्रिटेन के कारण उसे नए लड़ाकू विमान खरीदने में दिक्कत आ रही है इसलिए वह तेजस को एक मजबूत विकल्प मान रहा है।
मिस्र ने तो तकनीक हस्तांतरण के साथ उत्पादन की बात तक छेड़ रखी है। इसके अलावा इंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और बोत्सवाना जैसे देशों ने भी अलग अलग मौकों पर गंभीर रुचि जताई है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की ट्रेनिंग यूनिट्स ने भी तेजस को करीब से परखा है।
हालांकि अभी कोई सौदा पक्का नहीं हुआ है लेकिन इतने देशों का ध्यान खींचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
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