
Haldi Ceremony Meaning: शादी से पहले हल्दी लगाने की परंपरा पूरे भारत में निभाई जाती है। हाल ही में हल्दी कार्यक्रम ने एक इवेंट का रूप ले लिया है। कई लोग हल्दी समारोह बड़े पैमाने पर मनाते हैं। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी क्यों लगाई जाती है? हल्दी को शुभ कर्मों का प्रतीक माना जाता है। पीला रंग नई शुरुआत और खुशी का प्रतीक है।
हल्दी की रस्म निभाने से शादी से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता फैलती है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो त्वचा के लिए अच्छे होते हैं। हल्दी में करक्यूमिन जैसे कई तत्व पाए जाते हैं। जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
ये एक मसाला नहीं बल्कि आयुर्वेद में इसे औषधि माना जाता है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। ये त्वचा को इंफेक्शन से बचाते हैं। शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी इसलिए लगाई जाती है ताकि उनकी त्वचा साफ, चमकदार और स्वस्थ बने।
पुराने समय में जब मॉडर्न स्किनकेयर प्रोडक्ट्स नहीं थे, तब हल्दी प्राकृतिक तरीके से दाग-धब्बों को हटाने और चेहरे पर निखार लाने का सबसे आसान उपाय थी। तो ये रस्म एक तरह से दूल्हा-दुल्हन को उनके खास दिन के लिए तैयार करने का देसी तरीका है। शादी में हल्दी लगाना इस बात का संकेत है कि दूल्हा-दुल्हन का आने वाला जीवन खुशियों और समृद्धि से भरा हो।
आपको बता दें कि हल्दी लगाने की रस्म मेरे लिए सिर्फ एक रिवाज नहीं बल्कि परंपरा, सेहत और प्यार का खूबसूरत मेल है। ये न सिर्फ कपल को शारीरिक रूप से तैयार करती है बल्कि भावनात्मक रूप से भी उन्हें परिवार के प्यार से जोड़ती है।
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