img

Up Kiran, Digital Desk: बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाने लगा है। चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार दो दिन के दौरे पर आज पटना पहुंच गए हैं। उनके साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह और डॉ. विवेक जोशी भी मौजूद हैं।

शुक्रवार देर रात पटना पहुंचे सीईसी आज दिन भर कई अहम बैठकें करेंगे। सबसे पहले, उनकी मुलाकात पटना के होटल ताज में सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ होगी। इस बैठक में बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, एलजेपी (आरवी) समेत कई पार्टियों के नेता शामिल होंगे, जिसमें हर दल से अधिकतम तीन प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।

चुनाव आयोग इस बैठक के जरिए राजनीतिक दलों से वोटर लिस्ट, आचार संहिता, पोलिंग बूथ पर सुविधाओं और ईवीएम की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर उनकी राय जानेगा।

इसके बाद, ज्ञानेश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य के सभी डिविजनल कमिश्नर, जिला चुनाव अधिकारियों और बड़े पुलिस अधिकारियों से बात करेंगे। इस दौरान खास तौर पर नक्सल प्रभावित जिलों जैसे गया, औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, रोहतास और कैमूर की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा होगी, क्योंकि इन इलाकों में चुनाव कराना हमेशा एक चुनौती रहा है।

चुनाव आयोग का इस बार महिला और दिव्यांग वोटरों के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर खास जोर है। साथ ही, पुलिस अधिकारियों को भी सुरक्षा को लेकर एक विस्तृत प्लान जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

रविवार को चुनाव आयोग की टीम इनकम टैक्स, ईडी, एनसीबी और एक्साइज विभाग जैसी एजेंसियों के नोडल अधिकारियों से मुलाकात करेगी। इस बैठक का मकसद चुनाव में पैसा, शराब, ड्रग्स और दूसरी गैर-कानूनी चीजों के इस्तेमाल को रोकना है। इसके अलावा, टीम बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी से भी मिलकर लॉ एंड ऑर्डर, सुरक्षाबलों की तैनाती और काउंटिंग सेंटरों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात करेगी।

रविवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रखी गई है, जिसमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है या फिर इसका कोई संकेत दे सकता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पिछले चुनाव की तरह इस बार भी बिहार में अक्टूबर-नवंबर के बीच कई चरणों में मतदान हो सकता है।

30 सितंबर को वोटर लिस्ट भी फाइनल हो चुकी है और अब बस चुनाव की तारीखों का इंतजार है। एक तरफ जहां सत्ताधारी एनडीए अपनी योजनाओं को गिना रही है, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, महंगाई, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गया है।