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Up Kiran, Digital Desk: भारत की 'सिलिकॉन वैली' कहे जाने वाले बेंगलुरु की चमक पिछले कुछ सालों में ट्रैफिक जाम, टूटी सड़कों और हर बारिश में आने वाली बाढ़ से फीकी पड़ गई है। शहर की इस बदहाली को लेकर अब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सीधा-सीधा ठीकरा पिछली बीजेपी सरकार पर फोड़ा है।

उपमुख्यमंत्री और बेंगलुरु विकास मंत्री डी.के. शिवकुमार ने एक बड़ा और तीखा बयान देते हुए कहा है कि बेंगलुरु की आज जो हालत है, वह इसलिए है क्योंकि पिछली बीजेपी सरकार में शहर की समस्याओं को सुलझाने की "राजनीतिक इच्छाशक्ति" (Political Will) ही नहीं थी।

'उनमें हिम्मत नहीं थी, हम करके दिखा रहे हैं'

शिवकुमार ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के चलते कभी भी कड़े और जरूरी फैसले नहीं लिए। उन्होंने कहा, "शहर की नालियों (राजकालुवे) पर बड़े-बड़े लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं, जिससे हर बारिश में शहर डूब जाता है। पिछली सरकार यह सब जानती थी, लेकिन उनमें इन कब्जों को हटाने की हिम्मत नहीं थी।"

उन्होंने दावा किया कि अब कांग्रेस सरकार 'ब्रांड बेंगलुरु' की छवि को सुधारने के लिए पूरी तरह से एक्शन मोड में है। सरकार बिना किसी डर या पक्षपात के, बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला रही है, चाहे वह किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति का क्यों न हो।

शिवकुमार ने कहा, "हम शहर को ठीक कर रहे हैं। यह मुश्किल है, लेकिन हम वह कर रहे हैं जो बेंगलुरु के भविष्य के लिए जरूरी है। हम वोट के लिए नहीं, बल्कि शहर के लिए काम कर रहे हैं।"

क्या ठीक हो पाएगी बेंगलुरु की हालत?

कांग्रेस सरकार का यह आक्रामक रुख यह दिखाता है कि वे बेंगलुरु की समस्याओं को लेकर गंभीर हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ पिछली सरकार पर आरोप लगाने से शहर की हालत सुधर जाएगी? बेंगलुरु के नागरिक सालों से इन समस्याओं से जूझ रहे हैं और वे अब सिर्फ बातें नहीं, बल्कि जमीन पर ठोस बदलाव देखना चाहते हैं।