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 Up Kiran, Digital Desk: हॉलीवुड की सबसे प्रतिभाशाली और बेबाक अभिनेत्रियों में से एक, जेनिफर लॉरेंस ने फिल्म इंडस्ट्री में महिला निर्देशकों के काम करने के तरीके की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि महिला निर्देशकों का सेट पर माहौल बनाने का तरीका पुरुष निर्देशकों से काफी अलग, सूक्ष्म और सहयोगी होता है, जो एक एक्टर के तौर पर उन्हें काफी सुकून देता है।

'हंगर गेम्स' और 'सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक' जैसी फिल्मों से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा चुकीं लॉरेंस ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे महिला निर्देशकों के साथ काम करने का अनुभव उनके लिए हमेशा खास रहा है।

सेट पर चिल्लाना जरूरी नहीं

जेनिफर ने पुरुष और महिला निर्देशकों के बीच के अंतर को समझाते हुए कहा, "मैंने देखा है कि महिला निर्देशक अपनी बात मनवाने के लिए सेट पर चिल्लाने या बहुत ज्यादा हावी होने की कोशिश नहीं करतीं। उनका तरीका बहुत सूक्ष्म होता है। वे आपको सहज महसूस कराती हैं और एक सहयोगी की तरह आपके साथ काम करती हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुष निर्देशक अच्छे नहीं होते, लेकिन महिला निर्देशकों के काम करने की शैली में एक अलग तरह की शांति और समझ होती है। उन्होंने लीला न्यूगेबॉयर जैसी महिला निर्देशकों के साथ काम करने के अपने अनुभव को बेहतरीन बताया, जिनके साथ उन्होंने फिल्म 'कॉजवे' में काम किया था।

महिला निर्देशकों के साथ खास जुड़ाव

लॉरेंस का मानना है कि एक महिला होने के नाते, वह महिला निर्देशकों के नजरिए और उनकी कहानी कहने के तरीके से एक खास जुड़ाव महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, "जब एक महिला किसी कहानी को निर्देशित करती है, तो उसमें एक अलग तरह की गहराई और संवेदनशीलता होती है, जिसे शायद मैं बेहतर तरीके से समझ पाती हूं।"

जेनिफर लॉरेंस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हॉलीवुड समेत दुनिया भर की फिल्म इंडस्ट्री में महिला निर्देशकों, लेखकों और तकनीशियनों को समान अवसर देने की मांग जोर पकड़ रही है। उनका यह अनुभव उन तर्कों को और मजबूती देता है कि फिल्म निर्माण में महिलाओं की भागीदारी क्यों महत्वपूर्ण है और वे कहानी कहने की कला में एक नया और अनूठा दृष्टिकोण लाती हैं।