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Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण लैंड स्कैम केस में नोएडा पुलिस ने आरोपियों पर शिकंजा कस दिया है। प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत 29 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एक हजार पन्ने की चार्जशीट में सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है कि अफसरों ने किस तरह घोटाले को अंजाम दिया। मामले की जांच नोएडा में तैनात एक एसीपी को सौंपी गई थी।

साल 2019 में ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 थाने में केस दर्ज किया गया था। आरोप है कि 2011-2012 में जमीनों के अधिग्रहण में अफसरों ने 23 करोड़ 92 लाख 41 हजार 724 रुपये के घोटाले को अंजाम दिया। मास्टर प्लान की बात कहकर हाथरस में 42 हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। मामले की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि हाथरस के मिधावली गांव में अफसरों ने जरूरत से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण कर लिया।

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यमुना प्राधिकरण के अफसरों ने जमीनें अपने रिलेटिव के नमा से खरीदी और बाद में किसानों को कई गुना ज्यादा मुआवजे की रकम दी गई। अफसरों पर जरूरत से 14 हेक्टेयर ज्यादा जमीनें खरीदने का आरोप है। जांच में अफसरों का काला चिट्ठा सामने आ गया।

इन अफसरों पर कसा शिकंजा

यमुना प्राधिकरण के जिन अफसरों पर शिकंजा कसा है। उनमें पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता, पूर्व एसीईओ सतीश कुमार, पूर्व विशेष कार्याधिकारी वीपी सिंह, पूर्व प्रबंधक नियोजक बृजेश कुमार, पूर्व प्रबंधक परियोजना अतुल कुमार, पूर्व तहसीलदार अजीत परेश, राजेश शुक्ला, रणवीर सिंह, सुरेश चंद, पूर्व लेखपाल पंकज कुमार, पूर्व नायब तहसीलदार चमन सिंह, मनोज कुमार, गौरव कुमार, अनिल कुमार, निर्दोष चौधरी, सतेंद्र, स्वदेश गुप्ता शामिल हैं। इनके अलावा एएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंसलटेंट, विवेक कुमार जैन, नीरव तोमर, धीरेंद्र सिंह चौहान, अंजलि शर्मा, कुमारी बबीता, मदनपाल सिंह, अजीत कुमार सिंह, पारसौल एग्रीटेक, महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक नोएडा, नोएडा कमर्शियल बैंक लिमिटेड, पूर्व तत्कालीन वित्त विभाग के लेखाकार, सहायक लेखाकार और पूर्व वित्त प्रबंधक एवं महाप्रबंधक वित्त भी शामिल हैं।