Up Kiran, Digital Desk: भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने उत्तर प्रदेश में अपने नेतृत्व को नया दिशा देने के संकेत दिए हैं। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, जो अपने लोकसभा क्षेत्र महाराजगंज से सात बार चुनाव जीत चुके हैं, रविवार को उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने जाएंगे। उनके नामांकन का समर्थन लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य प्रमुख थे।
इस घटनाक्रम को देखते हुए यह साफ है कि भाजपा अपने संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पंकज चौधरी का चुनाव इस बात का संकेत देता है कि पार्टी ने अपने नेतृत्व को ताजे खून और नई ऊर्जा देने का निर्णय लिया है।
चौधरी की राजनीति और समुदाय आधारित रणनीति
पंकज चौधरी की राजनीतिक यात्रा एक साधारण नेता से एक प्रभावशाली चेहरे तक पहुंची है। वह गोरखपुर से जुड़े हुए हैं, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र भी है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि यह बदलाव उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी बताया जाता है।
चौधरी के नेतृत्व में भाजपा का उद्देश्य विशेष रूप से कुर्मी समुदाय से जुड़ा है, जो राज्य के मध्य और पूर्वी इलाकों में संख्या के हिसाब से एक महत्वपूर्ण समूह है। 2022 के विधानसभा चुनावों और आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में यह समुदाय समाजवादी पार्टी की ओर झुकाव दिखा चुका है। भाजपा अब चौधरी को इस समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक रणनीतिक कदम के तौर पर पेश कर रही है।
उत्तर प्रदेश भाजपा में पहले भी कुर्मी नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिनमें स्वतंत्र देव सिंह, ओम प्रकाश सिंह और विनय कटियार जैसे नेता शामिल हैं, जो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में, चौधरी का चुनाव भाजपा की ओर से इस समुदाय के समर्थन को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।
चौधरी की छवि और प्रधानमंत्री मोदी के साथ संबंध
पंकज चौधरी की छवि एक मेहनती और मिलनसार नेता की रही है। यह बात उनके समर्थकों द्वारा भी अक्सर दोहराई जाती है। इस छवि का एक उदाहरण 2023 में देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री मोदी ने गोरखपुर यात्रा के दौरान उनके घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की और उनकी मां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री मोदी ने चौधरी से कहा था कि, "मैंने सुना है कि आप मुझसे मिलने दिल्ली आने वाले थे, लेकिन मैंने सोचा क्यों न मैं ही आपके पास आकर मिल लूं।"
चौधरी ने प्रधानमंत्री के इस दौरे को भगवान राम और भगवान कृष्ण की यात्रा से तुलना करते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
भाजपा का सामाजिक समीकरण और रणनीतिक लाभ
पंकज चौधरी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने से न केवल पार्टी की भीतर की राजनीति प्रभावित होगी, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी एक बड़ा संदेश देगा। भाजपा ने यह कदम समाजवादी पार्टी द्वारा अपनाए गए पीडीए फॉर्मूले को चुनौती देने के उद्देश्य से उठाया है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को इस रणनीति के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर ओबीसी समुदायों को जोड़ने का मौका मिलेगा।

_947194797_100x75.png)
_16203873_100x75.png)
_1336119432_100x75.png)
_449255332_100x75.png)