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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में जल्द ही एक नए जिले का उदय हो सकता है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए अलीगढ़ और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों (DM) से रिपोर्ट मांगी है. माना जा रहा है कि इन दोनों जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक नया जिला बनाया जाएगा, जिसका नाम अतरौली या रानी अवंतीबाई नगर हो सकता है.

यह मांग काफी लंबे समय से चल रही थी, खासकर लोधी राजपूत समुदाय द्वारा, जो रानी अवंतीबाई लोधी के नाम पर जिले का गठन चाहते हैं.

क्या है पूरी योजना: प्रस्ताव के अनुसार, अलीगढ़ की अतरौली और गभाना तहसीलों को और बुलंदशहर की डिबाई और शिकारपुर तहसीलों को मिलाकर यह नया जिला बनाया जाएगा. विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने अलीगढ़ और बुलंदशहर के डीएम को पत्र भेजकर इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

रिपोर्ट में क्या-क्या जानकारी मांगी गई है?

दोनों जिलों के डीएम को अपने-अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी देनी होगी, जिसमें शामिल हैं:

प्रस्तावित जिले का नक्शा.

जनसंख्या, क्षेत्रफल और गांवों की संख्या.

पुलिस स्टेशन और तहसीलों की मौजूदा स्थिति.

नए जिले के गठन पर आने वाला अनुमानित खर्च.

यह भी पूछा गया है कि प्रस्तावित तहसीलों को दूसरे जिलों में शामिल करने पर कोई आपत्ति तो नहीं है. डीएम की रिपोर्ट मिलने के बाद ही सरकार इस पर अंतिम फैसला लेगी.

क्यों हो रहा है गठन: इस नए जिले के गठन के पीछे दो मुख्य कारण माने जा रहे हैं. पहला, प्रशासनिक सुविधा. बड़े जिलों को छोटा करके सरकारी योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाना और कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाना आसान हो जाता है.

दूसरा और सबसे बड़ा कारण राजनीतिक है. लोधी राजपूत समुदाय लंबे समय से यह मांग कर रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह भी अतरौली को जिला बनाना चाहते थे, जो उनका गृह क्षेत्र था. अब उनके बेटे और सांसद राजवीर सिंह राजू भैया इस मांग को आगे बढ़ा रहे हैं.

अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो उत्तर प्रदेश को जल्द ही अपना 76वां जिला मिल सकता है.