
Up Kiran, Digital Desk: आज वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day) के मौके पर डॉक्टरों और कार्डियोलॉजिस्ट ने एक ऐसी गंभीर समस्या पर चिंता जताई है, जिसे अक्सर युवा पीढ़ी नजरअंदाज कर देती है। विशेषज्ञों का कहना है कि 20 से 30 साल की उम्र में होने वाले सीने के दर्द को मामूली 'गैस' या एसिडिटी समझकर टालना जानलेवा साबित हो सकता है। यह सोच कि 'हम तो जवान हैं, हमें दिल की बीमारी कैसे हो सकती है', अब पुरानी हो चुकी है।
क्यों बज रही है खतरे की घंटी?
पहले जहां दिल की बीमारियां 50-60 की उम्र के बाद देखने को मिलती थीं, वहीं अब 20, 25 और 30 साल के युवाओं में भी हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, यह एक खतरनाक ट्रेंड है और इसके पीछे हमारी बदलती जीवनशैली सबसे बड़ी वजह है।
युवाओं में दिल की बीमारियों के मुख्य कारण:
तनाव (Stress): काम का दबाव, प्रतिस्पर्धा और भागदौड़ भरी जिंदगी का सीधा असर हमारे दिल पर पड़ता है।
खराब खान-पान (Poor Diet): जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा तला-भुना खाना धमनियों में ब्लॉकेज का कारण बन रहा है।
शारीरिक निष्क्रियता (Lack of Exercise): घंटों तक एक ही जगह पर बैठकर काम करना और ورزش न करना दिल को कमजोर बना रहा है।
धूम्रपान और शराब (Smoking and Alcohol): स्मोकिंग और शराब का बढ़ता चलन सीधे तौर पर दिल की सेहत को बर्बाद कर रहा है।
इन लक्षणों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज
कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर आपको 20 या 30 की उम्र में ये लक्षण महसूस होते हैं, तो इसे गंभीरता से लें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:
सीने के बीच में भारीपन, जकड़न या दर्द: यह दर्द कुछ मिनटों से ज्यादा रह सकता है।
सांस लेने में तकलीफ: थोड़ा चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलना।
अत्यधिक थकान: बिना किसी खास वजह के हर समय थका हुआ महसूस करना।
चक्कर आना या बेचैनी: अचानक से चक्कर आना या घबराहट होना।
दर्द का फैलना: सीने से शुरू होकर दर्द का कंधों, गर्दन, हाथ या जबड़े तक जाना।
वर्ल्ड हार्ट डे पर विशेषज्ञों का यही संदेश है कि अपनी उम्र को अपनी सेहत का पैमाना न मानें। अपने दिल की सुनें, शरीर के संकेतों को पहचानें और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। नियमित हेल्थ चेकअप करवाना भी उतना ही जरूरी है जितना कोई और काम। याद रखें, एक स्वस्थ दिल ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है।