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Up Kiran, Digital Desk: एलोवेरा, जिसे घृतकुमारी या ग्वारपाठा भी कहते हैं, सिर्फ एक पौधा नहीं है, यह एक 'चमत्कारी' पौधा है। स्किन पर जलने-कटने से लेकर चेहरे पर चमक लाने तक और बालों को मजबूत बनाने से लेकर सेहत सुधारने तक, इसके फायदे अनगिनत हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इस कमाल के पौधे को उगाने के लिए आपको किसी बड़े बगीचे की जरूरत नहीं है। आप इसे अपनी छोटी सी बालकनी में भी बहुत आसानी से उगा सकते हैं।

अगर आप भी अपनी बालकनी में हरियाली के साथ-साथ सेहत का एक छोटा सा कोना बनाना चाहते हैं, तो बस इन 6 आसान स्टेप्स को फॉलो करें और आपके घर में भी एलोवेरा का पौधा लहलहाने लगेगा।

1. सही गमले और मिट्टी का चुनाव

 

एलोवेरा की जड़ें ज्यादा गहरी नहीं होतीं, लेकिन उन्हें फैलने के लिए जगह चाहिए होती है। इसलिए, एक चौड़े मुंह वाला और मध्यम आकार का गमला चुनें। सबसे जरूरी बात यह है कि गमले के नीचे पानी निकलने के लिए छेद (Drainage Hole) जरूर होना चाहिए, क्योंकि एलोवेरा को ज्यादा पानी पसंद नहीं है। इसके लिए आप मिट्टी, रेत और थोड़ी सी खाद (कम्पोस्ट) को मिलाकर एक अच्छी मिट्टी तैयार कर सकते हैं। रेतीली मिट्टी पानी को रुकने नहीं देती, जो एलोवेरा के लिए बेस्ट है।

2. पौधे का चुनाव और रोपण

 

आप एलोवेरा का एक छोटा पौधा किसी भी नर्सरी से खरीद सकते हैं या अगर आपके किसी दोस्त के यहां एलोवेरा का बड़ा पौधा है, तो आप उससे एक छोटा बेबी प्लांट (जिसे 'पप' कहते हैं) ले सकते हैं। पौधे को गमले में लगाने के लिए, गमले के बीच में एक छोटा गड्ढा करें, पौधे को उसमें रखें और जड़ों को मिट्टी से अच्छी तरह ढक दें। ध्यान रहे कि पूरा पौधा मिट्टी के अंदर न जाए, सिर्फ जड़ें ही ढकें।

3. धूप है जरूरी, पर ज्यादा नहीं

 

एलोवेरा को धूप पसंद है, लेकिन बहुत तेज या सीधी धूप इसकी पत्तियों को जला सकती है और उन्हें पीला कर सकती है। इसलिए, गमले को अपनी बालकनी में ऐसी जगह रखें जहां दिन में 3-4 घंटे की हल्की या छनकर आने वाली धूप आती हो। सुबह की धूप इसके लिए सबसे अच्छी होती है।

4. पानी दें, लेकिन प्यार से (मतलब कम)

 

यही वो सबसे जरूरी स्टेप है जहां ज्यादातर लोग गलती करते हैं। एलोवेरा एक रसीला (succulent) पौधा है, जिसका मतलब है कि इसकी पत्तियों में पहले से ही बहुत पानी होता है। इसे रोज-रोज पानी देने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। पानी तभी दें जब गमले की ऊपरी 1-2 इंच मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए। सर्दियों में तो आप इसे 15-20 दिन में एक बार पानी देंगे तो भी चलेगा। याद रखें, 'कम पानी ही एलोवेरा की लंबी उम्र का राज है'।

5. खाद बस साल में एक या दो बार

 

एलोवेरा को बहुत ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती। यह बहुत ही कम देखभाल में भी अच्छी तरह बढ़ता है। आप साल में सिर्फ एक या दो बार, वसंत और गर्मी के मौसम में, थोड़ी सी वर्मीकम्पोस्ट या कोई बैलेंस लिक्विड खाद डाल सकते हैं। ज्यादा खाद डालने से यह खराब भी हो सकता है।

6. बेबी प्लांट्स को अलग करना न भूलें

 

जब आपका एलोवेरा का पौधा बड़ा होने लगेगा, तो आप देखेंगे कि उसके आस-पास छोटे-छोटे नए पौधे (पप्स) निकलने लगे हैं। जब ये बेबी प्लांट्स 3-4 इंच के हो जाएं, तो उन्हें धीरे से मुख्य पौधे से अलग करके एक नए गमले में लगा दें। इससे आपके मुख्य पौधे को बढ़ने के लिए और जगह मिलेगी और आपके पास एलोवेरा के कई नए पौधे भी तैयार हो जाएंगे!

बस, इन आसान से तरीकों को अपनाकर आप अपनी बालकनी को और भी हरा-भरा और हेल्दी बना सकते हैं।