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डेस्क. दक्षिणी इंग्लैंड से आधुनिक तरह की गुलामी कराने के आरोप में भारतीय मूल के एक दंपति (पलविंदर और प्रीतपाल बिनिंग) को गिरफ्तार किया गया है। इस दंपति पर पौलेंड के एक बिल्डर को 4 साल तक अपने बगीचे के शेड में रखने का आरोप है। इस हफ्ते के शुरू में ब्रिटेन के ‘गैंगमास्टर्स ऐंड लेबर एब्यूज अथोरिटी’ (जीएलएए) ने पलविंदर और प्रीतपाल बिन्निंग को गिरफ्तार किया है। दोनों की उम्र 55 साल के आसपास है। जीएलएए ने इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर साउथेम्प्टन के पास चिलवर्थ इलाके में स्थित उनके घर पर छापा मारा था।

भारतीय मूल

जीएलएए के अधिकारियों ने कहा कि साउथेम्प्टन के एक स्वास्थ्य केंद्र में पौलेंड के दुबले-पतले व्यक्ति ने स्टाफ से कहा कि उसे एक स्थान पर खाने के बदले काम करने को मजबूर किया गया है। जीएलएए के वरिष्ठ जांच अधिकारी टॉनी बायरन ने कहा कि दोनों की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी ली और कुछ साक्ष्यों को जब्त कर लिया जो जांच के लिए अहम हैं।

GLAA के अधिकारियों ने कहा कि बिनिंग के घर की जांच की गई है। जरूरी सबूत इकट्ठे किए गए हैं, ताकि जांच को सही तरह से आगे बढ़ाया जा सके। फिलहाल, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। GLAA के अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे अगर इस तरह की किसी भी घटना से वाकिफ होते हैं तो हमें संपर्क करें, जिससे किसी शख्स को उत्पीड़न से बचाया जा सके। समाज में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है।

पीड़ित शख्स ने बताया कि उसे बासी खाना दिया जाता था। सोने के लिए बेड तक नहीं दिया गया था। वह गार्डन के शेड में नीचे प्लास्टिक पर सोता था। उसने यह भी आरोप लगाया कि जहां उसे मजबूर कर रखा गया था वहां टॉयलेट की भी सुविधा नहीं थी। किचन में केवल फ्रीज दिया गया था।

पीड़ित शख्स को ब्रिटेन सरकार के नेशनल रेफरल मैकेनिज्म में भेज दिया गया है। वहां उसे उचित सुविधा मुहैया कराई गई है। GLAA के अधिकारियों ने कहा कि 21वीं सदी में किसी को इस तरह से नहीं रखा जा सकता है। यह मॉर्डन स्लेवरी के अंतर्गत आता है। बता दें, यह कार्रवाई 30 अक्टूबर को की गई है।