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गुलाम कश्मीर यानी POK से अक्सर विरोध की ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं। पाकिस्तानी सेना और हुक्मरानों से वहां की आवाम तंग आ चुकी है। यही कारण है कि पीओके में भारत के समर्थन में नारे सुनाई देते हैं। पीओके के लोग कहने लगे कि पीओके भारत में शामिल हो जाए तो पूरे पाकिस्तान से आजादी मिल जाए।

सवाल है कि क्या पीओके भारत में मिल जाएगा? क्या पीएम मोदी इसे लेकर कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं? हैरानी की बात तो ये है कि अब पाकिस्तान को खुद पीओके के छिन जाने का डर सता रहा है। इस बात की तस्दीक खुद पाकिस्तानी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बात से होती है।

इमरान खान ने पिछले दिनों पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जाने का दावा किया। उन्होने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही। इमरान ने ये बातें यूं ही नहीं कही। बल्कि पाकिस्तान के टुकड़े क्यों होंगे? इसकी वजह भी बताई। इमरान ने कहा कि इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा जिम्मेदार होंगे।

बलूचिस्तान से खैबर पख्तूनख्वा जैसे प्रांत में काफी वक्त से पाकिस्तान से अलग होने की मांग उठ रही है। पाकिस्तान से अलग होकर पहले पूर्वी पाकिस्तान यानि बांग्लादेश अलग राष्ट्र बन चुका है। बता दें कि इस वक्त पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक हालात बेहद खराब है और व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। उधार लेकर पाकिस्तान का गुजारा चल रहा है। पाकिस्तान डिफॉल्ट होने की तरफ जा रहा है।

पाकिस्तान को डर है कि यदि हिंदुस्तान ने कश्मीर में सफलतापूर्वक चीन की बैठक का आयोजन कर लिया तो इससे पूरी दुनिया में ये संदेश जाएगा कि धारा 370 हटने के बाद कश्मीर में अमन, शांति और जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो केन्द्रशासित राज्यों में बंटने के बाद जम्मू कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज। इससे पीओके के लोगों में भारत में शामिल होने को लेकर छटपटाहट बढ़ जाएगी।

बता दें कि भारत इस साल बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। पर्यटन और युवाओं के विकास से जुड़ी जे ट्वंटी की बैठक 22 और 24 मई को कश्मीर में हो रही है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार इतना बड़ा अंतर्राष्ट्रीय आयोजन किया जा रहा है। कश्मीर में होने वाली जी ट्वंटी की बैठक से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।

 

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