उज्जैन में बच्ची संग दुष्कर्म की घटना से हर कोई हैरान है। उज्जैन की सड़कों पर खून से लथपथ बुरी स्थिति में मिली पीड़िता का इंदौर के हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है, तो वहीं पुलिस ने आरोपी भरत सोनी को अरेस्ट कर लिया है। लेकिन इन सब के बाद पुलिस एक सवाल में उलझी हुई है।
दरअसलस बच्ची घर से स्कूल जाने के लिए निकली लेकिन वह वापस नहीं आई और बाद में पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और स्कूल ड्रेस में नाबालिग की पहचान हुई। बता दें कि उज्जैन महाकाल थाने में मासूम बच्ची दरिंदगी का शिकार निकली और नाबालिग कोई और नहीं बल्कि सतना जिले की रहने वाली ही निकली और मध्य प्रदेश के सतना जनपद के एक आदिवासी परिवार की करीबन 12 साल की मासूम बच्ची को जैतवारा पुलिस क्षेत्र से मात्र एक किलोमीटर दूर कोनिया गांव से लापता मिली।
पुलिस ने ये भी जानकारी दी कि बताया जाता है कि पीड़िता मानसिक रूप से कमजोर है और वह सतना के जैतवारा थाना क्षेत्र की रहने वाली है व 14 सितम्बर को घर से निकली थी और उसने परिजनों को बताया था कि वह कोई परीक्षा देने जा रही है। पीड़िता 8वीं कक्षा में पढ़ती है। जिन लड़कियों के साथ वह स्कूल गई थी वह सभी परीक्षा दे रही थी और इसी दौरान बच्ची बस में बैठकर जैतवारा चली गई और फिर वहां से वह उज्जैन पहुंच गई। जब वह बहुत वक्त बाद तक घर नहीं लौटी तो उसके दादा ने 5 सितंबर को जैतवारा थाना क्षेत्र पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई।
लगातार उठ रहे है ये सवाल
आपको बता दे की एमपी के उज्जैन में 12 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी के बाद पूरा देश सिर्फ एक सवाल पूछ रहा है। सवाल ये है कि 12 साल की मासूम को इंसाफ कब मिलेगा और जानकारी के मुताबिक उज्जैन में 12 साल की मासूम से रेप कांड में अब तक पाँच आरोपी पकड़े जा चुके हैं और एक ऑटो चालक की भी गिरफ्तारी हुई है।
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