यहां 75 दिन बाद खुले मंदिरों के कपाट, दिल्ली बॉर्डर पर लगी रोक हटी

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देहरादूव॥ वैश्विक महामारी कोरोना को हराने के लिए जनता कर्फ्यू के साथ बंद हुए मंदिरों के कपाट 75 दिन बाद सोमवार को खुले। यही नहीं दिल्ली की ओर से सील किए गए बॉर्डर को भी खोल दिया गया। अनलॉक-2 की शुरुआत होते ही गुरुग्राम व फरीदाबाद को छोड़कर प्रदेश भर में धार्मिक स्थल, होटल, शॉपिंग सेंटर सहित अन्य गतिविधियों को हरी झंडी दे दी गई।

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सोमवार को अनलॉक-2 की शुरुआत होते ही हरियाणा बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस की ओर से लगाए गए बेरिकेड्ट हटा दिए गए और दोनों ओर से आवाजाही बेरोक-टोक शुरू हुई। इसके साथ ही बंद धार्मिक स्थलों के कपाट भी खोल दिए गए। हालांकि धार्मिक स्थलों में भीड़ न के बराबर रही। सेनिटाइजर और बिना मास्क के किसी को मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। यही नहीं मंदिर में घंटी बजाने पर पूरी तरह पाबंदी रही तो किसी को भी प्रसाद वितरित नहीं किया गया।

कुरुक्षेत्र में स्थित हरियाणा के एक मात्र श्री देवीकूप शक्तिपीठ भद्रकाली मंदिर में मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। मास्क व हेंड सेनिटाइज के साथ ही प्रवेश की अनुमति दी गई। बेरी स्थित मां भीमेश्वर देवी मंदिर में आधार कार्ड के आधार पर श्रद्धालुओं का प्रवेश हुआ। श्री देवीकूप भद्रकाली मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क व हेंड सेनिटाइज के बिना प्रवेश की अनुमति नहीं है।

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धार्मिक स्थलों पर बिना मास्क के प्रवेश की अनुमति नहीं है। श्रद्धालुओं को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि मूर्तियों व ग्रंथों को नहीं छुएंगे। घंटियां नहीं बजा सकेंगे। बैठकर पूजा करने के लिए श्रद्धालु अपने घर से ही चटाई लेकर आएंगे। सामूहिक आरती, भजन, सामूहिक सभा और प्रार्थना पर पाबंदी रहेगी।

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