वायुसेना अफसरों ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में अपने देश के विमान को बनाया था निशाना, अब सैन्य अदालत ने दिया ये फैसला

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नई दिल्ली, 15 सितम्बर। पिछले साल फरवरी में बालाकोट स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान का विमान समझकर अपने ही एमआई-17 चॉपर को मार गिराने वाले वायु सेना के दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर फिलहाल सैन्य अदालत ने सोमवार को रोक लगा दी है। इस मामले में वायु सेना के दो अधिकारियों ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया था।

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पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी, 2019 को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। पाकिस्तान के अंदर 21 मिनट का ऑपरेशन पूरा करके जब 6 मिराज फाइटर जेट लौट रहे थे, तभी पाकिस्तानी एयरफोर्स के कामरा स्थित एयरस्पेस सर्विलांस रडार की पकड़ में आ गए।

इस पर रावलपिंडी के चकलाला एयरबेस से दो एफ-16 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान उड़े। चूंकि वे भारतीय मिराज से 120 किमी. दूर थे और जब मिराज भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश कर गए, उसके चार मिनट बाद पाकिस्तानी विमान पीछा करते हुए बालाकोट पहुंच पाए। इसके बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स की तरफ से भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश हुई थी।

ठीक उसी समय भारतीय वायु सेना का एमआई-17 चॉपर श्रीनगर में अपने बेस पर लौट रहा था। भारतीय वायुसेना ने गलती से इसे दुश्मन देश का हेलीकॉप्टर समझकर मार गिराया था। इसमें दो पायलट समेत छह वायु सैनिक शहीद हो गए थे। इस पूरे मामले में वायु सेना के 6 अधिकारियों के खिलाफ जांच चली।

 सैन्य अदालत का बड़ा फैसला

ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी को कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी में दोषी पाकर कोर्ट मार्शल का फैसला सुनाया गया। इस घटना को लेकर हुई जांच के बाद उस वक्त के एयरफोर्स चीफ ने कहा था, “कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पूरी हो चुकी है। यह हमारी ही गलती थी, हमारी मिसाइल ने अपने ही चॉपर को हिट कर दिया जिसके बाद हमने दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की।

हम मानते हैं कि ये हमारी एक बड़ी गलती थी और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं होने का भरोसा दिलाते हैं।” बाद में इन दोनों अधिकारियों ने कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी के फैसले को सैन्य अदालत में चुनौती दी थी।बालाकोट एयर स्ट्राइक के ठीक बाद अपने ही एमआई-17 चॉपर को मार गिराने वाले इस मामले में आज सैन्य अदालत का बड़ा फैसला आया है।

मिलिट्री कोर्ट ने इस चॉपर क्रैश में दोषी पाए गए एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी पर लिए जाने वाले किसी भी एक्शन पर रोक लगा दी है। मिलिट्री कोर्ट में इन दोनों अधिकारियों के वकील ने कई दलीलें देते हुए कहा कि अधिकारियों पर लिया गया फैसला सही नहीं है। पूरी बहस के बाद कोर्ट ने तय किया कि इस मामले को लेकर अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा।हालांकि एयरफोर्स अधिकारियों को 30 सितम्बर तक की राहत मिली है क्योंकि इसके बाद कोर्ट मामले की दोबारा सुनवाई करेगा।

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