लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस समय समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अपने को भाजपा के विकल्प के रूप में स्थापित करने में लगी है .काँग्रेस की कमजोरी और बसपा की निष्क्रियता से उसको संजीवनी मिल गई है .अगर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच समझौता हो जाता है तो समाजवादी कुनबा योगी के सामने कठिन चुनौती बन सकता है .
सपा मुखिया (Samajwadi Party) इस संभावना को अच्छी तरह समझते हैं और इसपर काम भी कर रहे हैं .बुंदेलखंड की रथयात्रा और जनसभाओं में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का जैसा स्वागत हुआ और जो जनसमर्थन मिला उससे यही लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अखिलेश की रणनीति कारगर हो सकती है .
दो दिनों की समाजवादी विजय रथ यात्रा (Samajwadi Party) चलाने के बाद अखिलेश यादव अब 18 अक्टूबर को पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में दौरे पर जाएंगे. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मुजफ्फरनगर में कश्यप महासम्मेलन को संबोधित करेंगे. कश्यप महासम्मेलन का आयोजन समाजवादी पार्टी का मोर्चा करा रहा है. दरअसल पूर्वी यूपी से लेकर पश्चिमी यूपी तक ल निषाद-केवट-मल्लाह-कश्यप मतदाता गभग 5 फ़ीसदी हैं . कई सीटों पर बहुत प्रभावशाली हैं और यूपी के हर हिस्से में इनकी आबादी है.
पश्चिमी यूपी में निषाद वोट बैंक के अलावा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जाट, गुर्जर, पाल, शाक्य, सैनी वोट बैंक को भी सपा के साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल अखिलेश यादव को यह अच्छी तरह पता है कि पश्चिम यूपी में मुस्लिम वोट के साथ साथ अगर ओबीसी वोट उनके पाले में आया, तो सपा का प्रदर्शन शानदार हो सकता है. जाट वोट बैंक को साथ लाने के लिए अखिलेश ने आरएलडी के साथ गठबंधन भी किया है. इसके बावजूद वे खुद को जाट बेल्ट में भी मजबूत स्थिति में लाना चाहते हैं जिससे सीटों के बंटवारे में उनको लाभ मिल सके .
पश्चिम यूपी में भी कई सीटों पर निषाद / कश्यप वोट बहुत निर्णायक भूमिका में है. यही कारण है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) लगातार इस वोट बैंक को एसपी के पाले में लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. इसी साल 21 जुलाई को अखिलेश यादव ने उन्नाव में निषाद समाज के बड़े नेता मनोहर लाल की प्रतिमा का उद्घाटन किया तो वहीं सपा ने फूलन देवी की जयंती भी पूरे यूपी में मनाई थी . फूलन देवी निषाद समाज से थीं और मुलायम सिंह यादव ने उन्हें सांसद बनाया था. बुंदेलखंड की अपनी रथयात्रा के दौराना काल्पी में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने फूलन देवी की मां से मुलाक़ात कर उनका आशीर्वाद लिया था . यही नहीं फूलन देवी की बहन भी सपा (Samajwadi Party) में शामिल हो चुकी हैं.