टीम इंडिया इस दरमियां वेस्टइंडीज के दौरे पर थी। पहला टेस्ट जीत लिया और दूसरा ड्रॉ रहा। यानी टेस्ट सीरीज जीत ली।
फिर वनडे की बारी आई तो हार्दिक पांड्या की सेना पूरी तरह से फ्लॉप नजर आई। पहले दो मुकाबले टीम इंडिया पूरी तरह से हारी। चार रन से दो विकेट से। उसके बाद दो बैक टू बैक भी जीते। लेकिन जब फाइनल मुकाबला था वहां टीम इंडिया फिर चूक कर गई। यानी ये जो नॉकआउट मैच है, बड़े मैच है। सीरीज डिसाइड मैच है और टीम इंडिया का प्रदर्शन अभी भी वैसा है जैसा एक साल पहले था।
कोई सुधार नहीं हुआ। नए खिलाड़ी आ गए, नई टीम बना दी गई। नया कप्तान दे दिया गया, लेकिन टीम में बदलाव नहीं हुआ। कप्तान हार्दिक पांड्या थे। कोच वही राहुल द्रविड़ थे और फैसले भी कुछ उसी तरह के लिए गए जैसे पहले लिए जाते थे। कुछ नए खिलाड़ियों को मौका मिला, कुछ पुराने खिलाड़ियों को बाहर किया गया। वहीं कुछ खिलाड़ियों को लगातार मौके दिए गए जबकि उनके बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं हुआ और टीम इंडिया मुकाबला हार गई।
हार के बाद जो कोच साहब ने कहा कि हार के लिए जो असली गुनहगार हैं, जो असली जिम्मेदार हैं, उनमें वो खिलाड़ी आते हैं जो बड़े बड़े हिट नहीं लगा पाते। उन्होंने ऑप्शन दिए कि अल्जारी जोसेफ वेस्टइंडीज के बल्लेबाज हैं। 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते और बड़े बड़े हिट लगाते।
--Advertisement--