कोरोना महामारी के बीच मुस्लिमों के सबसे बड़े त्यौहार ईद को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर के मुस्लिमों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस पर पर देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने अपनी सहमति जताते हुए मुस्लिमों से ईद का पर्व सादगी से मनाने और मस्जिदों व ईदगाहों आदि में ईद की नमाज अदा करने के लिए सरकार के जरिए जारी की गई गाइडलाइन पर अमल करने की हिदायत दी है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जरिए जारी की गई एडवाइजरी में पैग़ंबरे-इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब का एक कथन लिखा गया है। इस कथन के अनुसार ‘अगर किसी क्षेत्र में महामारी फैली है तो वहां के लोगों को दूसरे क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए और दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जहां पर महामारी फैली है, वहां पर आने से बचना चाहिए।’
बोर्ड का कहना है कि आने वाली ईद के लिए मुस्लिमों को बाजारों और दुकानों में खरीदारी के लिए भीड़ नहीं इकट्ठी करनी चाहिए बल्कि ईद बहुत ही सादगी से मनाने की कोशिश करनी चाहिए। इसी तरह ईद की नमाज के लिए भी बड़ी भीड़ इकट्ठा नहीं करनी चाहिए बल्कि बहुत ही कम लोगों के साथ मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करनी चाहिए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस एडवाइजरी पर सहमति जताते हुए हस्ताक्षर करने वालों में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी, जमीअत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, महासचिव मौलाना महमूद मदनी, मजलिस उलेमा-ए-हिंद के महासचिव और इमामे जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जववाद नकवी।
दरगाह किछौछा शरीफ के सज्जादा नशीन हजरत मौलाना फखरुद्दीन अशरफ जिलानी, अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद सैयद साआदतुल्लाह हुसैनी, अमीर मरकाजी जमीयत अहले हदीस मौलाना असगर अली इमाम सल्फी मेहंदी और कार्यकारी महासचिव मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी आदि शामिल हैं।