img

आदिपुरुष फिल्म काफी दिनों से चर्चा में थी। फैंस इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। फाइनली कल यानी 16 जून को रिलीज हो गई। मगर प्रदर्शनी के बाद इस फिल्म की काफी आलोचना हुई है. अब इस फिल्म में कई गलतियां हैं। अगर आप फिल्म देखने का प्लान कर रहे हैं तो फिल्म की ये दस गलतियां जरूर पढ़ें।

फिल्म का नाम: कई लोगों ने सोचा है कि रामायण पर आधारित इस फिल्म का नाम आदिपुरुष क्यों रखा गया। मगर जो दर्शक फिल्म देखने के बाद इस सवाल का जवाब पाने की उम्मीद में गए थे, वे निराश हैं क्योंकि फिल्म के नाम और फिल्म की कहानी का आपस में कोई संबंध नहीं है।

डायलॉग: पौराणिक फिल्मों में आमतौर पर शुद्ध हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है मगर आदिपुरुष फिल्म और संवादों में कोई संबंध नहीं है। शालीन भाषा का घोर अभाव है। डायलॉग सुनने के बाद आपका भी सिर चकरा जाएगा। रावण और सीता संवाद को छोड़कर बाकी सभी संवाद बहुत खराब हैं। लोगों ने इस भाषा को टपोरी कहा है।

वीएफएक्स: 

फिल्म के फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण फिल्म में इस्तेमाल किया गया वीएफएक्स है। पूरी फिल्म में राम, लक्ष्मण, सीता हनुमान, रावण शूर्पणखा, रावण के बॉयको समेत करीब 20 कलाकार होंगे। वीएफएक्स में सुग्रीव, अंगद, जामवंत, नल नील, सुबाहु मारीच वानर सेना, दानव सेना सहित बाकी सभी वीएफएक्स बेहद अजीबोगरीब अवतारों में दिखाए गए हैं। राक्षसों के चेहरे पर मुखौटे हैं। जहां रावण को वेल्डिंग करते दिखाया गया है। उस दृश्य के बाद जहां हनुमान की पूंछ जलाई जाती है और वे पूरी लंका जलाते हैं, वीएफएक्स वास्तव में गड़बड़ है ।

लाइटिंग: फिल्म में लाइटिंग भी एक बड़ी समस्या है। फिल्म में कई जगहों पर गलत लाइटिंग की गई है कि सिर्फ भगवान रमाला को ही लाइट में दिखाया गया है। फिल्म में लाइटिंग ने सारा हिसाब-किताब बिगाड़ दिया है।

ब्लैक ब्लैक स्क्रीन: एक बात जो अजीब लगी वह यह थी कि पूरी फिल्म में ग्रे, डार्क ग्रे, ब्लैक ग्रे स्काई, ब्लर पिक्चर का इस्तेमाल किया गया था। हर जगह केवल काला अंधेरा है जो दर्शकों को यह जानकर भी भ्रमित करता है कि वे स्क्रीन पर क्या देख रहे हैं।

काली और कोयले की लंका

हम सभी ने बचपन से सुना है कि रावण की लंका सोने की बनी होती है। मगर आदिपुरुष में लक्षनशा की लंका काली और शायद चारकोल है। काले पत्थर और काली दीवारें हर जगह देखी जा सकती हैं। युद्ध के समय समझ नहीं आता कि कौन सी मंजिल और कौन सी दीवार।

इमोशन की कमी: इमोशन की कमी इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है। सीता हरण से लेकर लक्ष्मण की मूर्च्छा तक राम का चेहरा भावहीन है। पूरी फिल्म में प्रभास के चेहरे के भाव एक जैसे हैं। वह न तो मुस्कुरा रहे हैं और न ही भावुक। कुछ सीन्स में कृति ओवरएक्टिंग भी करती नजर आ रही हैं।

युद्ध: जब युद्ध शुरू होता है, असली सिरदर्द शुरू होता है। अंधेरे में कुछ भी दिखाई नहीं देता। यह दृश्य कहीं देखने को नहीं मिलता। बहुत खराब वीएफएक्स और संगीत बहुत खराब तरीके से पेश किया गया है। आदिपुरुष हमेशा उन दर्शकों को निराश करते हैं जो बड़ी उम्मीदों के साथ फिल्म देखने जाते हैं और कुछ असाधारण देखने की सोचते हैं और यही वजह है कि 600 करोड़ के बजट में बनी यह फिल्म रिलीज के पहले दिन ही असफल हो गई है।

--Advertisement--