
क्या भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया में शॉर्ट पिच बोलिंग का सामना कर पाएंगे? पूर्व में जब इंडियन क्रिकेट टीम कमजोर टीम का दौरा करती थी तब ये सवाल आम होता था। इंडियन क्रइकेट टीम शॉर्ट पिच गेंदों की उस चुनौती का सामना बहुत हद तक सीख गई है। इसकी वजह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में उछालभरी पिचें और कुछ स्थानीय क्रिकेट अकादमियों द्वारा किए गए प्रयास हैं।
वास्तव में तेज रफ्तार के साथ जब कंधे की ओर बाउंसर आती है तो इंडियन बैट्समैन को कुछ प्राब्लम होती है। इसका उदाहरण हमने सिडनी में खेले गए दूसरे वनडे अंतराष्ट्रीय के दौरान देखा जब जोश हेजलवुड ने शॉर्ट पिच बोलिंग पर 3 इंडियन क्रिकेटर्स को आउट किया।
जोश हेजलवुड 135-140 की रफ्तार से बॉलिंग कर सकते है। सटीकता उनका प्लस पॉइंट है। उन्होंने मयंक अग्रवाल, अय्यर व कोहली को शॉर्ट पिच गेंदो पर आउट कर इंडियन टीम में कुछ सवाल अवश्य खड़े कर दिए। वो जानते हैं कि अकसर पिचें सपाट होने वाली हैं और ऐसे में शॉर्ट बॉल बड़ा हथियार साबित हो सकती हैं औऱ यही ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम की रणनीति हो सकती है।
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