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आज भारत एक और कीर्तिमान बनाने के लिए चंद्रमा पर ओर चल दिया है। ‌ इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए पिछले काफी समय से देश के वैज्ञानिक दिन रात एक किए हुए थे। आखिरकार वह शुभ घड़ी आ गई जब चंद्रयान ने अंतरिक्ष पर तीसरी बार उड़ान भरी है। भारत ने आज शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से बाहुबली रॉकेट LVM3-M4 से इसे स्पेस में भेज दिया है।

चंद्रयान-3 आज लॉन्च हो गया, लेकिन इसे चांद तक पहुंचने में महीनेभर से ज्यादा का समय लगेगा। यह करीब 42 दिन बाद चंद्रमा पर लैंड करेगा। 23 या 24 अगस्त को ये चांद की सतह पर लैंड कर सकता है। इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए इसरो चेयरमैन एस सोमनाथत अन्य वैज्ञानिकों के साथ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। ‌चंद्रयान-3 को बाहुबली रॉकेट लेकर जाएगा और चंद्रमा की कक्षा में स्थापित कराएगा। 

अगर इसे बाहुबली कहा जा रहा था तो गलत भी नहीं है। आखिर इसका वजन 642 टन है यानि 130 हाथियों को एक साथ खड़ा कर दें तो उनके भार के बराबर। ऊंचाई कुतुबमीनार से कहीं ज्यादा। करीब 43.5 मीटर यानि 15 मंजिला मकान के बराबर है। 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ये मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। 'चंद्रयान-3' को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे पहले GSLV MK-III के नाम से जाना जाता था। इसी रॉकेट से स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था। 

चंद्रयान की लॉन्चिंग देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे । वहीं विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर पहुंचे । इसके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार भी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर मौजूद थे। यह पूरा मिशन 45 से 50 दिन का होगा।

इसरो प्रमुख ने बताया है कि अगर मिशन प्लान के तहत चला तो 23-24 अगस्त को लैंडर और रोवर को चांद की सतह पर उतारने की कोशिश की जाएगी। अगर किसी कारण लैंडिंग में दिक्कत हुई तो सितम्बर महीने में फिर से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी। चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग सफल रही तो भारत उन देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा जो चांद तक पहुंचे। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही यह कीर्तिमान बनाया है । 

चंद्रयान 3 के जरिए भारत चांद की स्‍टडी करना चाहता है। वो चांद से जुड़े तमाम रहस्‍यों से पर्दा हटाएगा। चंद्रयान 3 चांद की सतह की तस्वीरें भेजेगा, वहां के वातावरण, खनिज, मिट्टी वगैरह जुड़ी तमाम जानकारियों को जुटाएगा। बता दें कि चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था, लेकिन 6-7 सितंबर को विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग हो गई थी। पूरा देश चंद्रयान के सफल लैंड कर जाने की उम्मीद में नजर गढ़ाए बैठा था। लेकिन आखिर के 15 मिनट में कुछ ऐसा हुआ कि यह सपना पूरा नहीं हो सका।

पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने देश के वैज्ञानिकों को दी शुभकामनाएं--

पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 लॉन्च के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएं! मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और इनोवेशन में हमने जो प्रगति की है, उसके बारे में और अधिक जानने का आग्रह करता हूं। इससे आप सभी को बहुत गर्व महसूस होगा। 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चंद्रयान-3 के लॉन्च को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए इसरो की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। 

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष की सीमाओं को आगे बढ़ाने वाला एक उल्लेखनीय मिशन है। यह मिशन हम सभी को बड़े सपने देखने और सितारों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। चंद्रयान-3 मिशन के द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा। इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की पूरी टीम के साथ-साथ और समस्त देशवासियों को अनंत शुभकामनाएं। उम्मीद है कि हम शीघ्र ही चांद पर भी तिरंगा फहराएंगे।

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