नई दिल्ली। शनिवार को राष्ट्रपति भवन में उत्सव सरीखा माहौल था। राष्ट्रपति मुर्मू ने कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अनेक गणमान्य उपस्थित थे।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित खास समारोह में इन पांचों विभूतियों को सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। इन विभूतियों में प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का नाम प्रमुख है। एमएस स्वामीनाथन का जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी में 1925 में हुआ था। स्वामीनाथन बचपन से ही किसानों और गरीबों की दशा पर चिंता करते थे। उन्होंने 1944 में मद्रास एग्रीकल्चरल कॉलेज से कृषि विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने 1949 में साइटोजेनेटिक्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। एमएस स्वामीनाथन ने इसके बाद आलू पर अपना शोध कार्य किया था।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 28 सितंबर को एमएस स्वामीनाथन का चेन्नई में निधन हो गया था। राष्ट्रपति भवन में उनकी बेटी नित्या राव ने भारत रत्न ग्रहण किया। स्वामीनाथन को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए 1967 में पद्मश्री, 1972 में पद्मभूषण, 1989 में पद्मविभूषण, 1971 में मैग्सेसे पुरस्कार और 1987 में विश्व खाद्य पुरस्कारसे नवाजा गया जा चुका है।
पूर्व प्रधांनमंत्री नरसिंह राव मरणोपरांत आज सर्वोच्च सम्मान से नवाजे गए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी नरसिंह राव को राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। कांग्रेस पार्टी में 50 साल राजनीति के बाद वह देश के प्रधानमंत्री बने। वह लगभग 10 अलग-अलग भाषाओं के जानकार थे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में नरसिंह राव के सुपुत्र पीवी प्रभाकर राव ने भारत रत्न ग्रहण किया।
पूर्व प्रधामंत्री चौधरी चरण सिंह को भी आज सर्वोच्च सम्मान दिया गया। चौधरी चरण सिंह का जन्म मेरठ जिले के एक गांव नूरपुर के एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में हुआ था। वह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। चौधरी चरण सिंह ने 1923 में विज्ञान स्नातक किया और 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा हासिल की। वर्ष 1929 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्राप्त किया। इस मौके पर जयंत चौधरी ने मीडिया से कहा कि भारत सरकार ने चौधरी साहब को भारत रत्न देकर किसानों का सम्मान किया है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पुरी ठाकुर को भी आज सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया।कर्पुरी ठाकुर को सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है। कर्पुरी ठाकुर का जन्म साधारण नाई परिवार में हुआ था। आपातकाल के दौरान तमाम कोशिशों के बावजूद वह गिरफ्तार नहीं hue। बता दें कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में कर्पुरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर भारत रत्न लेने पहुंचें। इस मौके पर कर्पूरी ठाकुर की पोती नमिता कुमारी ने कहा, पूरे बिहार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लोगों के लिए बहुत बड़ा काम किया है।
पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण अडवाणी को भी आज सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया। वह देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री रह थे। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। अडवाणी का जन्म 1927 में कराची में हुआ था। लाल कृष्ण अडवाणी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में थे। वर्ष 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1990 में अडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा ने देश की सियासत को बदलकर रख दिया।
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