भारत में नागरिकता कानून का असर भारत के पड़ोसी देशो में देखने को मिल रही है. जिसके वजह से वो कई बड़े कदम उठाने को मजबूर हो गए है. आपको बता दें कि पिछेल कुछ दिनों से भारत-बांग्लादेश में अलग तरीके की राजनीति देखने को मिल रही है. वहीँ नागरिकता कानून को लेकर बंगलादेश ने कई बयान भी दिए था. इसके साथ खबर ये भी आई थी कि बांग्लादेश ने भारत के साथ लगे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मोबाइल नेटवर्क को बंद कर दिया है.
वहीँ अब आपको बता दें कि बांग्लादेश ने अब फैसले को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि बांग्लादेश ने मोबाइल नेटवर्क को बंद कर का अपने निर्णय को दो दिन बाद वापस ले लिया। दरअसल, मामला ये था कि ये बांग्लादेश टेलीकम्युनिकेशन रेग्युलेटरी कमीशन (बीटीआरसी) ने रविवार (29 दिसंबर) को करीब 2,000 बेस ट्रांसीवर स्टेशनों को बंद करने का निर्देश दिया था। इससे 32 जिलों के एक करोड़ लोग प्रभावित हो गए। इन क्षेत्रों की सीमा भारत और म्यांमार से लगती है।
आपको बता दें कि बांग्लादेश सरकार का टेलीकॉम विभाग को यह निर्देश भारत के संसद द्वारा विवादित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को पारित करने के बाद आया। इससे ढाका में लोगों में काफी चिंताएं पैदा हो गई थी कि भारत से आव्रजक आ सकते हैं।
गौरतलब है कि इस दौरान मीडिया को बताया गया था कि बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं -ग्रामीण फोन, टेलीटॉक, रॉबी और बांग्लालिंक- को अपने आदेश में रविवार (29 दिसंबर) को कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में नेटवर्क कवरेज को देश की सुरक्षा के लिए अगले आदेश तक बंद रखा जाना चाहिए।
हालांकि फैसला वापस लेने के पीछे सरकार ने कोई कारण नहीं बताया है। बीडीन्यूज24डॉटकॉम की खबर के मुताबिक बीटीआरसी के अध्यक्ष जहारूल हक ने प्रतिबंध हटाने की सरकार के फैसले की पुष्ट की। डेली स्टार की खबर के मुताबिक प्राधिकारियों ने मोबाइल ऑपरेटरों को बुधवार (1 जनवरी) सुबह ईमेल भेजकर सेवाएं बहाल करने को कहा।