प्याज के छिलके पर नजर आने वाली काली फफूंद ही है ब्लैक फंगस, जानें इस दावे में कितनी सच्चाई है

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एक खबर आज कल इंटरनेट पर खूब पढ़ी जा रही है। इस पोस्ट में ब्लैक फंगस (Black fungus) से सावधान रहने को कहा गया है। खबर में दावा किया गया है कि जब आप प्याज़ (Onion) खरीदते हैं तो इसके ऊपर अगर काली परत बैठी हुई तो समझिए ये ब्लैक फंगस है। आईये जानते हैं इसमें कितना सच छिपा हुआ है। आपको हम सलाह देते हैं कि फर्जी से खबरों से बच कर रहिए।

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इसी तरह फ्रीज के अंदर रबर में भी काली परत चढ़ जाती है। ये भी ब्लैक फंगस ही है। अगर आप इस पर ध्यान नहीं देंगे तो फ्रीज में जो सब्जी रखी है, उसमें ये ब्लैक फंगस समा जाएंगे और आपके बदल के भीतर घुस जाएंगे। इससे आपको ब्लैक फंगस संक्रमण हो जाएगा। यही नहीं फ्रीज में रखे सारे खाद्य पदार्थ ब्लैक फंगस से दूषित हो जाएंगे।

सूचना के लिए अवगत करा दें कि फ्रीज के अंदर जो काली काई जमी होती है या प्याज़ (Onion) पर जो काली परत चढ़ी होती है, वो ब्लैक फंगस यानी mucormycosis से बिल्कुल अलग है। इसका ब्लैक फंगस से कोई रिश्ता नहीं है। ये दावा पूरी तरह से फर्जी है।

क्या हैं इससे बचने के उपाय ?

एम्स के वैध रणदीप गुलेरिया ने बताया कि दरअसल, ब्लैक फंगस का नाम ही फर्जी है, क्योंकि ब्लैक फंगस काले रंग का नहीं होता। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के कारण त्वचा में ब्लड सप्लाई रूक जाती है जिससे त्वचा पर काला धब्बा पड़ने लगता है। शायद यही कारण है कि ब्लैक फंगस या फंफूद नाम पड़ गया है। ब्लैक फंगस का नाम mucormycosis है।

एम्स के डॉक्टर ने ब्लैक फंगस से बचने की तरकीबों के बारे में बताते हुए कहा है कि जो इंसान निरंतर स्टेरॉयड ले रहा है या किसी बीमारी के कारण उसे स्टेरॉयड लेना पड़ रहा है, तो उसे कोई भी फंगस लग सकता है। इनमें एक mucormycosis भी है। ये आंख, नाक और ब्रेन को प्रभावित करता है।

कुछ केसों में ये फेफड़ों को भी संक्रमित करता है। इस तरह काले फंगस को रोकने का सबसे बेहतर सावधानी यही है कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल न करें। इसके बाद शुगर पर कंट्रोल रखें। जो शख्स इस बीमारी की चपेट में नहीं हैं, उन्हें खाने में शुगर की मात्रा को कम कर देनी चाहिए।

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