
बेगूसराय, 13 सितम्बर । बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी इन दिनों बढ़ी हुई है। विधायक बनने की उम्मीद पाले टिकट के दावेदार नेता क्षेत्र से लेकर आलाकमान के दरबार तक अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। ऐसे में जिले के चर्चित विधानसभा क्षेत्र के रूप में शुमार गंगा के दोनों ओर फैले मटिहानी विधानसभा क्षेत्र में भी राजनीतिक सरगर्मी गंगा की तरह उफान पर है।
यह वही क्षेत्र है जहां देश में सबसे पहले बूथ लूट की घटना हुई थी। 1957 में दूसरे आम चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवार सरयुग प्रसाद सिंह और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह के बीच कड़ा मुकाबला था। रचियाही कचहरी बूथ पर रचियाही, आकाशपुर, राजापुर और मचहा के लोग मतदान कर रहे थे।
मतदान केंद्र पर जाने से रोक
इसी बीच लाठी और हथियार से लैस लोगों ने मतदाताओं को रास्ते में मतदान केंद्र पर जाने से रोक दिया। मतदान केंद्र पर मौजूद मतदाताओं को भगा दिया गया था। इसके बाद एक पक्ष के समर्थक ने मतदान केंद्र पर कब्जा कर जमकर वोटिंग की और किसी अन्य को वोट गिराने नहीं दिया।
इसकी चर्चा देशभर में हुई थी और आज भी जब चुनाव का समय आता है तो इसकी चर्चा जरूर होती है। यादव और भूमिहार बहुल मटिहानी में मुसलमान वोटरों की संख्या भी अच्छी-खासी है तथा अब तक जीत-हार में उनकी बड़ी भूमिका रही है। कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के इस गढ़ में सबसे पहली सेंध 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने लगाई थी।
उन्होंने लगातार तीन बार विधायक रह चुके भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कद्दावर नेता राजेंद्र राजन को 27313 वोट से पराजित कर दिया था। अक्टूबर 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर से निर्दलीय प्रत्याशी तथा 2010 में बोगो सिंह ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा फिर से कांग्रेस के अभय कुमार सिंह को हराया। 2015 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के सर्वेश कुमार को हरा दिया।