नई दिल्ली ।। फिल्म अभिनेता सलमान को तगड़ा झटका लगा है। जोधपुर कोर्ट ने उन्हें काला हिरण शिकार मामले में फैसला सुनाते हुुये दोषी करार दे दिया है।वहीँ सलमान के सह आरोपी सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम को न्यायालय ने बरी कर दिया है। गौरतलब है कि, सलमान के जुड़े होने की वजह से यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। सलमान पर दो काले हिरणों का शिकार करने और बाकी पर उन्हें उकसाने का आरोप लगा है। आइये आपको बताते हैं केस से जुड़ी पूरी कहानी-
- मामला साल 1998 का है जब फिल्म हम साथ साथ है की शूटिंग राजस्थान में चल रही थी। इस दौरान सलमान समेत अन्य आरोपी जिप्सी पर घूमने के लिए चल दिए थे। जोधपुर के पास कांकाणी गांव में पहुंचने पर काले हिरणों का झुंड दिखा। सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी कि सलमान ने गोली चलाई और उनमें से दो हिरण मार दिये थे।
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- 2 अक्तूबर 1998 को बिश्नोई गांव के लोगों ने सलमान व अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराया।
- 12 अक्तूबर 1998 को सलमान को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई। 10 अप्रैल 2006 को ट्रायल कोर्ट ने चिंकारा शिकार केस में सलमान को दोषी ठहराया गया और उन्हें 5 साल की सजा दी गई।
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- सलमान के केस से जुड़े होने की वजह से यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ था। सुनवाई के दौर के बीच 31 अगस्त 2007 को राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंकारा शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। इसके बाद सलमान की मुश्किलें और बढ़ गई क्योंकि उन्हें एक हफ्ता जोधपुर जेल में बिताना पड़ा था। हालांकि, उन्हें बरी कर दिया गया था।
- इसके बाद राजस्थान हाई-कोर्ट की बेंच ने 24 जुलाई 2012 काले हिरण के शिकार मामले में भी सलमान समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए और इस मामले में भी ट्रायल शुरू हो गया।
- 9 जुलाई 2014 को राजस्थान सरकार की रिट याचिका पर सुप्रीम-कोर्ट ने सलमान खान को नोटिस जारी किया। इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने हाई-कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सलमान की सजा को सस्पेंड किया गया था।
- 25 जुलाई 2016-राजस्थान हाई-कोर्ट ने घोड़ा फार्म-हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में सलमान खान को बरी कर दिया। हाई-कोर्ट ने कहा कि इसके सबूत नहीं हैं कि सलमान की लाइसेंसी बंदूक से ही शिकार किया गया।
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>19 अक्टूबर 2016-राजस्थान सरकार ने हाई-कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम-कोर्ट में अपील की। दरअसल 18 अक्टूबर 2016 को इस मामले में 10 साल से लापता गवाह हरीश दुलानी सामने आ गया। दुलानी ने दावा किया वह अपने पुराने बयान पर कायम है कि उसने सलमान को शिकार करते देखा है। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम-कोर्ट में दुलानी के इसी बयान को आधार बनाया।
>11 नवंबर 2016-राजस्थान सरकार की रिट याचिका पर सुप्रीम-कोर्ट मामले की सुनवाई को फास्ट-ट्रैक में करने को राजी हो गया।
>15 फरवरी 2017-सलमान खान के वकील ने सबूत पेश करने से इनकार कर दिया। इससे पहले 27 जनवरी को बयान की रिकॉर्डिंग के दौरान सलमान खान ने खुद को निर्दोष बताते हुये सबूत पेश करने की इच्छा जताई थी। बाद में उनके वकील ने कहा कि सबूत पेश करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बेकसूर बताये जाने वाले सारे सबूत कोर्ट में पहले ही पेश किये जा चुके हैं। तब एक मार्च से इस मामले का ट्रायल शुरू होना था।
>28 मार्च 2018-इस मामले में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सलमान खान को मामले में दोषी करार दिये जाने पर उनको आसाराम साथ रखा जायेगा। मालूम हो कि जोधपुर सेंट्रल जेल की बैरक नंबर 2 में छात्रा से यौन-उत्पीड़न का आरोपी आसाराम को रखा गया है।
फोटोः फाइल
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