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Business News: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीते कल को गुरुग्राम स्थित एमटेक ऑटो लिमिटेड की 5,115 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। एमटेक ऑटो पर सरकारी बैंकों से 27,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का इल्जाम है। ये धोखाधड़ी एमटेक समूह की अन्य कंपनियों जैसे एआरजी लिमिटेड, एसीआईएल लिमिटेड, मेटालिस्ट फोर्जिंग लिमिटेड और कैस्टेक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के जरिए की गई है, जिनके कर्ता-धर्ता अरविंद धाम हैं।

जब्त की गई संपत्तियों में 85 संपत्तियां शामिल हैं, जो 13 राज्यों में फैली हुई हैं। इनमें दिल्ली में प्रमुख वाणिज्यिक संपत्तियां, फार्महाउस, महाराष्ट्र में 200 हेक्टेयर भूमि, हरियाणा और पंजाब में सैकड़ों एकड़ भूमि, औद्योगिक भूमि, आवासीय कॉलोनियां और फ्लैट्स शामिल हैं।

ऐसे हुआ खुलासा

इससे पहले सीबीआई ने आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शिकायतों पर एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें इल्जाम था कि अरविंद धाम और उनकी कंपनियों ने बैंक लोन को शेल कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया था। फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की जांच के लिए ईडी को निर्देश दिए थे, और सार्वजनिक धन के डायवर्जन पर चिंता व्यक्त की थी।

9 जुलाई को ईडी ने अरविंद धाम को अरेस्ट कर लिया था। जांच में पाया गया कि उन्होंने 500 से अधिक शेल कंपनियों का उपयोग कर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को लॉन्ड्रिंग किया था। इन कंपनियों के वित्तीय विवरणों में हेरफेर कर और नकली संपत्तियां बनाकर दिवालियापन की स्थिति उत्पन्न की गई थी। बैंकों को इन कंपनियों के समाधान के दौरान 80% से अधिक हेयरकट झेलना पड़ा।

ईडी का कहना है कि धाम ने इन 500 शेल कंपनियों के जरिए उच्च मूल्य वाली और लक्जरी संपत्तियों में निवेश किया, जिनकी स्वामित्व को एक जटिल शेयरहोल्डिंग संरचना में छिपाया गया था।

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