2030 तक भारत में इस बीमारी से 17 लाख बच्चों की हो सकती है मौत !

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भारत में 2030 तक निमोनिया से 17 लाख से अधिक बच्चों के मरने की आशंका है। बताया जा रहा है ‎कि इस संक्रामक बीमारी के चलते 2030 तक पांच साल से कम उम्र के 1,1 करोड़ बच्चों की मौत होने की आंशका है। इसके बारे में ब्रिटेन स्थित गैर सरकारी संगठन “सेव द चिल्ड्रन” की रिपोर्ट में पता चला है ‎कि इस रोग के चलते सबसे अधिक मौतें नाइजीरिया, भारत, पाकिस्तान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हो सकती हैं।

रिपोर्ट में बताया गया ‎कि इनमें से एक तिहाई यानी 40 लाख से अधिक मौतें टीकाकरण, उपचार और पोषण की दरों में सुधार के ठोस कदम से आसानी से टाली जा सकती हैं। हालां‎कि यह दुनियाभर में बच्चों के लिए सबसे बड़ी जानलेवा संक्रामक बीमारी है। इस पर सेव द चिल्ड्रेन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पॉल रोनाल्ड्स ने कहा ‎कि यह विश्वास करना काफी मुश्किल है कि हर साल दस लाख बच्चे एक ऐसी बीमारी से मर रहे हैं जिसे हराने के लिए हमारे पास ज्ञान और संसाधन हैं।

इसके अलावा अध्ययन में बताया गया ‎है ‎कि वर्तमान रुझान के हिसाब से 2030 तक इस बीमारी से करीब 10,865,728 बच्चे मौत की मुंह में जायेंगे। सबसे अधिक 1,730,000 बच्चे नाइजीरिया में, 1,710,000 बच्चे भारत में, 706,000 बच्चे पाकिस्तान में और 635,000 बच्चे कांगो में मौत के मुंह समा जायेंगे। बताया गया ‎कि मलेरिया, दस्त एवं खसरा को मिलाकर जितनी मौतों होती हैं, उससे कहीं ज्यादा अकेले इस बीमारी से मौतें होती हैं। वर्ष 2016 में 880,000 बच्चों की इस बीमारी से जान चली गयी। उनमें से ज्यादातर दो साल से कम उम्र के थे।

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