इन योगसन को रोज़ाना करने से बाल आते है वापस, झड़ना भी रुकेगा

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आम आदमी की समस्यों में बाल भी एक बड़ी समस्यायों में से है. जिसके लिए अधिकतर लोग परेशान नज़र आते है. वहीं धूप, प्रदूषण, गलत खान-पान और मौसम में आने वाले बदलाव की वजह से आजकल कम उम्र में ही युवाओं के बाल झड़ने लगते हैं। ऐसे में बालों को झड़ने से रोकने का दावा करने वाले बाजार में मिलने वाले महंगे कैमिकल युक्त प्रॉडक्ट्स न सिर्फ बालों को रूखा बेजान बनाते हैं बल्कि इनका इस्तेमाल करने से बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं।


लेकिन अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, हम परेशानी को दूर करते हुए आपको बताएंगे वो 3 योगासन जिनका रोजाना अभ्यास करने पर आपके बाल काले घने और खूबसूरत हो जाएंगे। आइए जानते हैं आखिर कौन से हैं वो 3 जादुई आसान।

1- अधोमुखश्वानासन-यह आसन शरीर के कसाव को कम करता है और मांसपेशियों को लचीला बनाता है।

ऐसे करें ये आसन-
सबसे पहले जमीन पर एकदम सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को आगे करते हुए नीचे जमीन की ओर झुका लें। ध्यान रखें झुकते समय आपके घुटने सीधे कूल्हों के ठीक नीचे होने चाहिए जबकि आपके दोनों हाथ कंधे के बराबर नहीं बल्कि इससे थोड़ा सा पहले झुका होना चाहिए।अपने हाथों की हथेलियों को झुकी हुई अवस्था में ही आगे की ओर फैलाएं और उंगलियां समानांतर रखें।

श्वास छोड़ें और अपने घुटनों को अधोमुख श्वानासन मुद्रा के लिए हल्का सा धनुष के आकार में मो़ड़े और एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाएं। इस प्वाइंट पर अपने कूल्हों को पेल्विस से पर्याप्त खींचें और हल्का सा प्यूबिस की ओर दबाएं। हाथों को पूरी तरह जमीन पर कंधों के नीचे से आगे की ओर फैलाए रखें, लेकिन उंगलियां जमीन पर फैली होनी चाहिए।

इसके बाद अपने घुटनों को जमीन पर थोड़ा और झुकाएं और कूल्हों को जितना संभव हो ऊपर उठाएं।
सिर हल्का सा जमीन की ओर झुका होना चाहिए और पीठ के लाइन में ही होनी चाहिए। अब आप पूरी तरह अधोमुख श्वानासन मुद्रा में हैं।

2- पादांगुष्ठासन-
यह मुद्रा सिर से पैर तक रीढ़ और सभी मांसपेशियों को फैलाकर रक्तचाप को नियंत्रण में रखती है। इस आसन का अभ्यास करने से मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण बढ़ता है और जांघ की मांसपेशियों, हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों की मांसपेशियों और पीठ के निचले हिस्से और दोनों भुजाओं में खिंचाव होता है।

ऐसे करें ये आसन-
पादंगुष्ठासन योग को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को फर्श पर बिछाकर उस पर सीधे खड़े हो जाएं। इस आसन को करने के लिए आप ताड़ासन की मुद्रा में भी खड़े हो सकते हैं। अपने दोनों हाथों और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने दोनों पैरों के बीच कम से कम 6 इंच की दूरी रखें।

अब सांस को छोड़ते हुए अपने धड़ यानि शरीर के ऊपरी हिस्से को सीधा रखें हुए कूल्हों के जोड़ से नीचे की ओर झुकें। ध्यान रखें की आपको कमर से नहीं झुकना हैं और ऊपरी हिस्से को पूरी तरह से सीधा रखना हैं। अपने माथे को पैरों से लगाने के प्रयास करें और दोनों हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ लें, जिसमे आपकी पकड़ मजबूत होनी चाहिए।

3-पश्चिमोत्तानासन- इस योगासन से स्त्रियों के योनिदोश, मासिक धर्म सम्बन्धी विकार तथा प्रदर आदि रोग दूर होते हैं। यह आसन गर्भाशय से सम्बन्धी शरीर के स्नायुजाल को ठीक करता है।

पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका-
– जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें। इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें।
– इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों पर रखें।
– अब अपने सिर को धीरे से आगे की ओर झुकाएं और अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैरों की उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
– इसके बाद गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें। अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने की कोशिश करें।
– बांहों को झुकाएं और कोहनी से जमीन को छूने की कोशिश करें।
– श्वास को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें।
– कुछ सेकेंड के बाद वापस पहली वाली मुद्रा में आ जाएं।
– अब सामान्यरूप से श्वास लें और इस आसन को 3 से 4 बार दोहराएं।

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