CAA- मुस्लिम महिला ने ये सभी कागजात दिखाएं, फिर भी नागरिकता साबित करने में रही नाकाम

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नई दिल्ली॥ पूर्वोत्तर राज्य असम में NRC नागरिक रजिस्टर पंजी के लागू होने बाद से पूरे देश में घमासान छिड़ा है। इसकी विसंगति का ताजा मामला गुवाहाटी में देखने को मिला है यहां एक महिला ने अपनी नागरिकता साबित करने और पैरंट्स के साथ अपना रिलेशन साबित करने के लिए 14 कागजात दिखाए लेकिन फिर भी वह भारत की नागरिक कहलाने में असफल रही। महिला ने ट्राइब्यूनल के फैसले के खिलाफ जब गुवाहाटी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की तो यहां भी उसे मायूसी हाथ लगी।

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि पैन कार्ड, जमीन और बैंक के कागजात किसी एक की नागरिकता साबित करने के लिए काफी नहीं हैं, यह कहते हुए कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज कर दी। इससे पहले ट्राइब्यूनल ने महिला की नागरिकता का दावा खारिज कर दिया था। मालूम हो कि असम में पिछले साल अगस्त महीने में NRC की अंतिम लिस्ट जारी हुई थी जिससे 19 लाख लोग बाहर हो गए थे।

हाई कोर्ट में जस्टिस मनोजीत भूयन और पीजे सैकिया की डिविजन बेंच ने जबैदा बेगम नाम की महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके द्वारा जमा किए गए कागजात उनके पिता या भाई से रिलेशन साबित करने के लिए काफी नहीं है। जबेदा ने 14 कागजात जमा किए जिसमें पैन कार्ड, राशन कार्ड, दो बैंक पासबुक, पिता की NRC डीटेल, दादा, पैरंट्स और पति के नाम वाली वोटर लिस्ट शामिल थी।

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इसके अलावा जबेदा ने जमीन की राजस्व रसीदें भी जमा की। ट्राइब्यूनल ने अपने फैसले में कहा थाकि ग्राम प्रधान नागरिकता से जुड़ा सर्टिफिकेट जारी करने के हकदार नहीं हैं। यह कहते हुए ट्राइब्यूनल ने जबैदा के बैंक डॉक्यूमेंट भी रिजेक्ट कर दिए क्योंकि उनकी नागरिकता साबित करने के लिए काफी नहीं थे। ट्राइब्यूनल ने पाया कि जबैदा अपने पैरंट्स के साथ अपना रिलेशन साबित करने में असफल रही हैं। इसके बाद जबैदा ने ट्राइब्यूनल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की।

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