नई दिल्ली॥ देशान्तरण में रह रहे विश्व उइगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉल्कन ईसा ने बताया कि चीन (ड्रैगन) की मुस्लिम आबादी को रमज़़ान के खास माह में रोजा रखने की भी इजाजत नहीं है। वहां मुस्लिमों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन करने के लिए बाध्य किया जाता है।
आपको बता दें कि तिरुवनंतपुरम स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा उइगर मुस्लिम तथा चीन के बढ़ेत जुल्म तथा मानवाधिकारों के उल्लंघन मामले पर आयोजित एक वेबिनार में अध्यक्ष डॉल्कन ईसा ने ये बात कही। बता दें कि चीन के मुस्लिमों पर बढ़ते जुल्म को देख कई मुस्लिम देश हैरान व परेशान हैं।
अध्यक्ष डॉल्कन ने बताया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अल्पसंख्यक उइगर मुसलमानों के सभी मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है। उन्हें अपने बच्चों के नाम भी धर्म के आधार पर नहीं रखने दे रही है। यहां तक कि पश्चिमी देशों में निर्वासन में रह रहे उइगर वर्करों को भी ये पार्टी तंग कर रही है।
चीन सरकार द्वारा की जा रही इन जुल्म-ओ-सितम के विरूद्ध बोलने वालों का इंटरपोल के जरिए पीछा किया जा रहा है। यदि दुनिया चीनी वस्तुओं और चीनी व्यापारों को नहीं रोकती है तो लोकतंत्र तथा मानव अधिकार अतीत की बातें बन जाएंगे।
खबर के मुताबिक वॉशिंगटन में रहने वाले कैंपेन 4 उइगर्स का नेतृत्व करने वाली संस्थापक चेयरपर्सन रुशन अब्बास ने बताया कि उइगर तथा तिब्बती, चीन गवर्मेंट की गुलामी तथा नरसंहार का शिकार हो रहे हैं।
अपनी बहन गुलशन अब्बास के अपहरण का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि यूएसए अमेरिका ने पहले ही चीन के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर दी है और सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किए जा रहे उइगर मुसलमानों के नरसंहार के विरूद्ध मुस्लिम जगत को एक्टिव होने का आह्वान किया है।